लता भवन ते प्रगत मे तेहि अवसर दोउ भारं)।
निकसू जनु, जुग विमल विद्यु, जलद पटल विलगाईश
उपर्युत पहिलयो मे अलकार का नाम और उस
लक्षण बताइए
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जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।यदि पंक्ति में -मनु, जनु, मेरे, जानते, मनहु, मानो, निश्चय, ईव आदि आता है, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण- जैसे- चित्रकूट जनु अचल अहेरी।।
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।यदि पंक्ति में -मनु, जनु, मेरे, जानते, मनहु, मानो, निश्चय, ईव आदि आता है, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण- जैसे- चित्रकूट जनु अचल अहेरी।।लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाइ। निकसे जुग-जुग विमल विधु, जलद पटल विलगाइ।।
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।यदि पंक्ति में -मनु, जनु, मेरे, जानते, मनहु, मानो, निश्चय, ईव आदि आता है, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण- जैसे- चित्रकूट जनु अचल अहेरी।।लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाइ। निकसे जुग-जुग विमल विधु, जलद पटल विलगाइ।।सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात। मनहु नीलमणि शैल पर, आतप परयो प्रभात।।
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।यदि पंक्ति में -मनु, जनु, मेरे, जानते, मनहु, मानो, निश्चय, ईव आदि आता है, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण- जैसे- चित्रकूट जनु अचल अहेरी।।लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाइ। निकसे जुग-जुग विमल विधु, जलद पटल विलगाइ।।सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात। मनहु नीलमणि शैल पर, आतप परयो प्रभात।।सिर फट गया उसका, मानो अरुण रंग का घड़ा।