लद्दाख एवं केरल की तरह भारत का कोई एक क्षेत्र चुनिए और अध्ययन कीजिए कि कैसे उस क्षेत्र की विविधता को ऐतिहासिक और भौगोलिक कारकों ने प्रभावित किया है। क्या ये ऐतिहासिक एवं भौगोलिक कारक आपस में जुड़े हुए हैं? कैसे?
Answers
हमारा महाराष्ट्र को लेते हैं। इसकी विविधता को निम्नलिखित ऐतिहासिक तथा भौगोलिक कारकों ने प्रभावित किया है -
ऐतिहासिक कारक :
(1) विदेशी व्यापारियों का आगमन तथा विदेशों के साथ व्यापार।
(2) मुंबई के समुद्री पतन से भारत के आंतरिक भागों के माल का विदेशों में जाना विदेशी माल का आयात।
भौगोलिक कारक :
() पठारी उच्चावच जैसे - कोंकण
(2) सम जलवायु - तापमान लगभग सारा साल ऊंचा ,पर्याप्त वर्षा।
(3) कम वन क्षेत्र
(4) कृषि का विस्तार - चावल , कपास, गन्ना तथा गेहूं मुख्य फसलें।
यह भौगोलिक तथा ऐतिहासिक कारक आपस में पूरी तरह जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए यहां की कपास की खेती तथा आर्द्र जलवायु ने महाराष्ट्र विशेषकर मुंबई को सूती वस्त्र उद्योग का बहुत बड़ा केंद्र बना दिया है । सूती वस्त्र लंबे समय तक महाराज के व्यापार का आधार रहा है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Explanation:
उत्तर: इसके लिए हम दिल्ली का उदाहरण ले सकते हैं। इस शहर का इतिहास लगभग 900 साल से सत्ता के संघर्ष का इतिहास रहा है। यहाँ मुस्लिम शासन की शुरूआत लगभग 1200 ईo से शुरू हुई थी। वे अपने साथ विभिन्न तरह के खाने, कपड़े और कला जैसे-वास्तुकला, शिल्पकला आदि लाए। दिल्ली सल्तनत का अंत लगभग 1500 ईo में हुआ। उसी समय यहाँ मुगल शासन की शुरूआत हुई। जो कि ब्रिटिश शासन के शक्तिशाली होने तक रहा। इस तरह 500 सालों तक भारत के ज्यादातर हिस्सों में मुगल शासन रहा। मुस्लिम शासकों का प्रभाव हमारे दिन प्रतिदिन की जिंदगी में देखने को मिलता है। ज्यादतर लोकप्रिय भोजन जैसे-पूरी, हलवा, पराठा, समोसा, शरबत और विभिन्न तरह के मांसाहारी भोजन उन्हीं की देन है। हिन्दी बोलचाल की भाषा में हमलोग बहुत सारे अरबी शब्द जैसे-दोस्त(मित्र), कमरा(कक्ष), दरवाज़ा(द्वार), खून(रक्त), कानून(नियम) का इस्तेमाल करते हैं। आज जो हम सबसे प्रचलित परिधान सलवार कुर्ता पहनते हैं, ये भी मुगल शासकों की देन है।
उसी तरह ब्रिटिश शासकों का असर भी देखने को मिलता है। आज बहुत सारे भारतीय जो अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, ये सब उन्हीं की देन है। यह सब 200 सालों के शासन का असर है। आज के समय में जो लोग खाने के लिए काँटे और चाकू का इस्तेमाल करतें हैं। चिकन टिक्का मसाला, पेस्ट्री आदि जो हम खाते है, ये उन्हीं के शासन का असर है। आज का जो भारतीयों का पहनावा जैसे- पैंट, शर्ट, सूट और स्कर्ट है, ये बदलाव ब्रिटिश शासन के कारण आया है।