लदयहीन जीवन निरर्थक,essay ...
Answers
Answer:
please mark me brainalist
Explanation:
जीवन में लक्ष्य खोजना उतना कठिन नहीं है जितना उन्हें पूर्ण करने की राह पर चलना कठिन हैं. हमारे आस पास ऐसे लोग भी मिल जाएगे, जिनके जीवन का ध्येय ईश्वर प्राप्ति अर्थात भक्ति हो जाता हैं तथा वे वैराग्य धारण कर लेते हैं. जीवन में कुछ बनने या पाने की प्रबल इच्छाओं को साकार रूप देने में चंद भाग्यशाली लोग ही सफल हो पाते हैं. दृढ़ इच्छा-शक्ति वाले लोग साधारणतया अपने लक्ष्यों को साधने में कामयाब हो जाते हैं.
बच्चों की समस्या : स्कूल में पढने वाला बच्चा अपने संग कई सपने सजोकर रखता हैं. उन्हें सब कुछ बनना अच्छा लगता हैं. जैसे डोक्टर, खिलाड़ी, अभिनेता, शिक्षक आदि. कभी उनका मन किसी को देखकर कुछ बनने का करता हैं तो कभी कुछ और भी, इस तरह उन्हें लिए जीवन का कोई एक लक्ष्य नहीं बन पाता हैं.
जैसे जैसे बच्चे की आयु बढ़ती हैं उनका रुझान भी साफ होने लगता हैं. उसे अपने रूचि के अनुसार पेशा अच्छा लगने लगता हैं. यदि किसी को क्लाश में पढाना अच्छा लगता है तो वह शिक्षक बनना चाहता हैं, रोगियों की मदद करने के रूचि है तो डोक्टर बनेगा. देश की सेवा के लिए नेता व सीमा पर जाकर लड़ने का शौक है तो सिपाही बनेगा.
Answer:
hi I just come for free points that only sorry for wasting your time so sorry !!!