Social Sciences, asked by kanwarradhika221, 2 months ago

लड़के और लड़कियों के महत्व समाज में किस प्रकार का भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाता है​

Answers

Answered by vishalverma5690
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Answer:

शिक्षा से हेागा लड़का-लड़की में भेदभाव खत्म आज के परिदृश्य में यह जरूरी है कि समाज में स्त्री और पुरुष को शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हों, क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही लड़का-लड़की के भेदभाव से समाज को मुक्त किया जा सकता है। ... दोनों को शिक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सभी अधिकार समान रूप से मिले हुए हैं

Explanation:

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Answered by universalgirl3
7

✧उत्तर☘

भेदभाव या विभेदन (discrimination) किसी व्यक्ति या अन्य चीज़ के पक्ष में या उस के विरुद्ध, उसके व्यक्तिगत गुणों-अवगुणों को न देखते हूए, उसके किसी वर्ग, श्रेणी या समूह का सदस्य होने के आधार पर भेद करने की प्रक्रिया को कहते हैं। भेदभाव में अक्सर किसी व्यक्ति को केवल उसके वर्ग के आधार पर अवसरों, स्थानों, अधिकारों और अन्य चीज़ों से वंछित कर दिया जाता है। भेदभावी परम्पराएँ, नीतियाँ, विचार, क़ानून और रीतियाँ बहुत से समाजों, देशों और संस्थाओं में हैं और अक्सर यह वहाँ भी मिलती हैं जहाँ औपचारिक रूप से भेदभाव को न्यायिक रूप से वर्जित या अनौचित्य समझा जाता है। यह किसी धर्म जाति मूल वंश के प्रति किया गया नकारात्मक व्यवहार है ।

➣हमारे समाज में लड़के-लड़की में भेदभाव सालों से चला आ रहा है। देश को आजाद हुए सालों हो गए लेकिन लड़का-लड़की में भेद भाव खत्म नहीं हुआ। आज भी लड़कियों को बोझ समझा जाता है, आज कुछ बुरे लोगों के कारण एक लड़की रात में घर से बाहर नहीं निकलती। देश को अंग्रेजों से भले ही आजादी मिल गई लेकिन लोगों की सोच से नहीं मिली है। समाज की सोच वही है। जिस दिन हमारे देश में लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं होगा, अपराध, भ्रष्टाचार, नक्सलवाद, जातिवाद और छुआछूत जैसी समस्याएं खत्म हो जाएगी उस दिन हमारा देश पूरी तरह आजाद हो जाएगा। आजकल हर काम पैसे से होने लगे हैं। सच्चाई की भावना तो जैसे खत्म ही हो गई है। लोगों में नैतिकता नाम की चीज नहीं बची है, ऐसे में हम आजाद कैसे हैं? मेरे लिए आजादी का मतलब बुरी आदतों से मुक्त देश और देशवासी हैं।

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Thnku

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