लड़के और ........... पराई पीर नहीं समझते l
लंगूर
गधे
बंदर
घोड़ा
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b) monkey hai sayad text
Answer:
लंगूर
Explanation:
लड़के और लंगूर पराई पीर नहीं समझते l
पराई पीर-
१. पीड़ा । दुःख । दर्द । तकलीफ । उ॰—जाके पैर न फटी बिवाई । सो का जानै पीर पराई ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. दूसरे की पीड़ा या कष्ट देखकर उत्पन्न पीड़ा । दूसरे के दुःख से दुःखानुभव । सहानुभूति । हमदर्दी । दया । करुणा । मुहा॰—पीर न आना = दूसरे के दुःख से दुखी न होना । पराए कष्ट पर न पसीजना । सहानुभूति या हमदर्दी न पैदा होना ।
३. बच्चा जनने के समय की पीड़ा । प्रसवपीड़ा । उ॰— कमर उठी पीर मैं तो लाला जनूँगी ।—गीत (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—आना ।—उठना ।—होना । विशेष—यद्यपि ब्रजभाषा, खड़ी बोली और उर्दू तीनों भाषाओं के कवियों ने बहुतायत से इस शब्द का प्रयोग किया है और स्त्रियों की बोलचाल में अब भी इसका बहुत व्यवहार होता है तथापि गद्य में इसका व्यवहार प्रायः नहीं होता
FINAL ANSWER - लंगूर
#SPJ3