Chemistry, asked by omprakashbharatibhar, 7 months ago

लवण सेतु क्या है? उसके कार्य लिखिए​

Answers

Answered by Anonymous
2

Answer:

लवण सेतु के कार्य या उपयोग

लवण सेतु अलग विलयन को आपस में जोड़ता है अर्थात इसके द्वारा आंतरिक सेल के परिपथ को पूर्ण किया जाता है। अर्थात बिना दोनों विलयनों को आपस में मिलाये , इसकी सहायता से आयनों की गति संभव हो पाती है।

Explanation:

please follow me

Answered by Anonymous
19

Explanation:

लवण सेतु के कार्य या उपयोग

लवण सेतु अलग विलयन को आपस में जोड़ता है अर्थात इसके द्वारा आंतरिक सेल के परिपथ को पूर्ण किया जाता है। अर्थात बिना दोनों विलयनों को आपस में मिलाये , इसकी सहायता से आयनों की गति संभव हो पाती है।

यह एक U आकार की कांच की बनी हुई नली होती है , इस कांच की नली में अगर-अगर जैल भरा हुआ रहता है और इसको KCl द्वारा संतृप्त किया जाता है , लवण सेतु के दोनों सिरों पर कोटन का प्लग लगा रहता है और इस नली के सिरों को अलग अलग पात्र में रखा जाता है , जैसे यदि एक सिरे को जिंक के पात्र में रखा

लवण सेतु में या तो निष्क्रिय इलेक्ट्रोलाइट का सान्द्र विलयन जैसे KCl , KNO3 , K2SO4 आदि भरा हुआ रहता है या इलेक्ट्रोलाइट का अगर-अगर जेल भरा हुआ रहता है।

निष्क्रिय इलेक्ट्रोलाइट वे होते है जो सेल में हो रही उपापचयी अभिक्रिया में भाग नहीं लेते है और न हि जो अभिक्रिया में इलेक्ट्रोड काम में लिए गए है उनके साथ भी क्रिया नहीं करता

लवण सेतु के कार्य या उपयोग

यह दोनों अर्द्ध सेलों में विद्युत अपघट्य की उदासीनता को बनाये रखता है , अर्थात जब दोनों इलेक्ट्रोड के मध्य इलेक्ट्रॉन त्यागने या ग्रहण करने से अर्थात इलेक्ट्रॉन की गति से जो आवेश उत्पन्न हो जाता है उसे यह लवण सेतु उदासीन कर देता है।

जैसा कि हम जानते है कि लवण सेतु में KCl भरा हुआ रहता है , जब एनोड इलेक्ट्रॉन त्यागता है तो इलेक्ट्रॉन त्यागने के कारण इस पर धन आवेश उत्पन्न हो जाता है जिसे लवण सेतु Cl– द्वारा उदासीन कर दिया जाता है अर्थात एनोड को उदासीन करने के लिए एनोड की तरफ लवण सेतु से Cl– आयन गति करते है।

ठीक इसी प्रकार कैथोड इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है इसलिए इस पर ऋण आवेश आ जाता है , कैथोड को उदासीन करने के लिए लवण सेतु से K+ आयन कैथोड की तरफ गति करते है और कैथोड को उदासीन कर देती है।

लवण सेतु अलग विलयन को आपस में जोड़ता है अर्थात इसके द्वारा आंतरिक सेल के परिपथ को पूर्ण किया जाता है। अर्थात बिना दोनों विलयनों को आपस में मिलाये , इसकी सहायता से आयनों की गति संभव हो पाती है।

mark as brilliant

Similar questions