लवणीय हाइड्राइड जल के साथ प्रबल अभिक्रिया करके आग उत्पन्न करती है। क्या इसमें CO2 (जो एक सुपरिचित अग्निशामक है) का उपयोग हम कर सकते हैं? समझाइए।
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Explanation:
अम्ल एक रासायनिक यौगिक है, जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। इसका pH मान 7.0 से कम होता है। जोहान्स निकोलस ब्रोंसटेड और मार्टिन लॉरी द्वारा दी गई आधुनिक परिभाषा के अनुसार, अम्ल वह रासायनिक यौगिक है जो प्रतिकारक यौगिक (क्षार) को हाइड्रोजन आयन (H+) प्रदान करता है। जैसे- एसीटिक अम्ल (सिरका में) और सल्फ्यूरिक अम्ल (बैटरी में). अम्ल, ठोस, द्रव या गैस, किसी भी भौतिक अवस्था में पाए जा सकते हैं। वे शुद्ध रूप में या घोल के रूप में रह सकते हैं।
लवणीय हाइड्राइड जल के साथ प्रबल अभिक्रिया करके आग उत्पन्न करती है। इसमें CO2 (जो एक सुपरिचित अग्निशामक है) का उपयोग हम कर सकते हैं या नही कर सकते है, वो समझाया गया है –
• हमे पता है कि CO2 धातु हाइड्राइड द्वारा अपचयित हो जाता है।
NaH + CO2 --------> HCOONa
लवणीय हाइड्राइड पानी के साथ प्रबल रूप में अभिक्रिया करता है और डाईहाइड्रोजन उत्पन्न करता है, जो ज्वलनशील है-
NaH + H2O -------> NaOH + H2
• इसीलिए इस प्रकार के आग को CO2 द्वारा नही बुझाया जा सकता है। इस प्रकार के आग बुझाने के लिए रेत का उपयोग किया जाता है।