(m) बालगोबिन भगत की आजीविका का क्या साधन था?
(in वे किसको अपना आदर्श मानते थे।
(iv) उनकी किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
11. यशपाल अथवा मन्नू भण्डारी का जीवन परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
12. 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
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13. कृतिका' (भाग-2) के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) माता भोलानाथ को कनीया' किस प्रकार बनाया करती थी?
(ख) मूर्तिकार ने सभापति को जॉर्ज पंचम की नाक का क्या विकल्प बताया।
(ग) 'कटाओं को भारत का स्विट्जरलेण्ड' क्यों कहा गया है।
(ब) 'एही हैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा' पाठ का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
(छ) मैं क्यों लिखता हूँ निबंध का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
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Answers
Answer:
(m) बालगोबिन भगत की आजीविका का साधन खेती थी। जो कुछ भी खेत में पैदा होता वह उसे पीठ पर लादकर साहब के घर ले जाते फिर वहा से जो कुछ उन्हें मिलता वह उसे प्रसाद स्वरूप घर ले आते और उसी से गुजरा करते |
(in) बाल गोविंद भगत कबीर दास को अपना आदर्श मानते थे
(iv) ?
11. मन्नू भंडारी एक सिद्धहस्त कथाकार हैं। नई कहानी आंदोलन में उन्होंने अपना विशेष योगदान दिया। उन्होंने अपनी रचनाओं में सामाजिक जीवन का यथार्थ चित्रण किया है।
12. मानवीय करुणा की दिव्य चमक” पाठ के लेखक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हैं। जिन्होंने बेल्जियम (यूरोप) में जन्मे फादर कामिल बुल्के के व्यक्तित्व व जीवन का बहुत ही खूबसूरती से वर्णन किया है। फादर एक ईसाई संन्यासी थे लेकिन वो आम सन्यासियों जैसे नहीं थे।
(13). (क) ?
(ख) सर्वप्रथम मूर्तिकार ने मूर्ति के पत्थर की खोज के लिए सारे हिन्दुस्तान का भ्रमण किया। (ख) उसने देश में लगे हर छोटे-बड़े नेताओं की मूर्ति की नाक से पंचम की लाट की नाक का मिलान किया ताकि उस मूर्ति से नाक निकालकर पंचम लाट पर नाक लगाई जा सके।
(ग) बर्फबारी देखने के लिए लेखिका अपने सहयात्रियों के संग लायुंग से 500 फीट की ऊँचाई पर स्थित 'कटाओ' नामक स्थान पर जाती हैं। इसे भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है।
(ब) यह गाना हिंदी फिल्म के मशहूर गाने ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’ की तरह है। इस गाने में नायिका अपने प्रिय आभूषण के खोने की बात करती है और लोगों से पूछती है कि शायद कोई उसका पता बता दे। इस गाने में झुलनी को उसके मरे हुए प्रेमी का प्रतीक बनाया गया है जो हमेशा के लिए खो गया है।
(छ) मैं क्यों लिखता हूँ लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों? ... उत्तर: लेखक इसलिए लिखता है ताकि अपनी आंतरिक उद्वेग को प्रकट कर सके। उसे लिखने के बाद ही लेखक इस स्थिति में पहुँचता है जहाँ से वह तटस्थ होकर उस आंतरिक विवशता का मूल्यांकन कर पाए।