M.I.
ग. किसी के साथ बुरा बरताव क्यों नहीं करना चाहिए?
घ. खजूर के पेड़ में क्या कमी है?
Answers
1)
सब कुछ निर्भर करता है कि सामने वाले ने कितना बुरा किया और हमारा बुरा करने का उसका तरीका क्या था।एक और बात ये कि जिसने हमारा बुरा किया उसका और हमारा रिश्ता क्या है।
अगर वो हमारा रिश्तेदार है तो उसपर हम कोई पलटवार तो नही करेंगे पर हाँ एक बार बुरा करने के बाद उसकी हमारी जिंदगी में कोई जगह नही होगी ।
अगर वो यूँ ही हमसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में मिलने वाला शख्स है तो हाँ पलटवार जरूर करेंगे क्योंकि पलटवार न करने पर उसे जब भी मौका मिलेगा वो फिर आपका बुरा करेगा।
अगर उसने सिर्फ हमें बातों से चोट पहुँचाई है तो हमारा पलटवार भी बातों से ही होगा।
एक उदाहरण से बताते हैं- 2012 में जब हमने गणित से एम एस सी कम्प्लीट की तो घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुये एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया ,पर हमारे यहाँ डिग्री कॉलेजों में सैलरी बहुत कम है तो हमे भी 3500 मिलता था जिससे सिर्फ घर पर बैंक के लोन की क़िस्त ही जमा हो पाती थी।
ऐसे में हमने एक परिचित के कोचिंग संचालक से बात की जिन्होंने हमे बी एस सी में पढ़ाया था।उन्होंने हमें मिलने के लिए बुलाया और जब हम उनके यहाँ पहुँचे उस वक्त वो घर पर नही थे और तेज बारिश हो रही थी ।
हम वहीं भीगते रहे और वो आये आधे घण्टे बाद ,पर आते ही घर के अंदर जाते जाते बोले अनुभव कल आना आज थकान ज्यादा हो गई है।
अनुभव कल भी पहुँच गए पर इस बार भी वो घर पर नही थे और आये कोई 20 मिनट बाद ,बात हुई ,सारी जानकारी ली उन्होंने और बोले ठीक कल सुबह से आइये पढाने।
हम दूसरे दिन सुबह पहुँच गए और कोई अंदाजा नही था कि आज मुँह पर जोरदार तमाचा पड़ना है।
पहुंचने पर उन्होंने हमें 1 घण्टे बैठाये रखा बिना कोई बात किये।चूँकि हमारी मजबूरी थी इसलिए हम भी बैठे रहे और 1 घण्टे बाद वो आ के कहते हैं “अनुभव ऐसा है हमारे पास तुमसे ज्यादा काबिल लोग हैं और तुम्हारे पास कोई एक्सपेरिएंस नही है तो हम तुम्हे क्लास नही देंगे”
बात तो उनकी सही थी ,दुनिया मे एक से एक माई के लाल हैं जिनके आगे हम कुछ भी नही पर ये बात तो वो हमें दूसरे दिन भी बता सकते थे या सुबह हमारे पहुचते ही।
पर उन्होंने क्या सोच के हमे बैठाये रखा और जब बोला भी तो उन स्टूडेंट्स के सामने जो कॉलेज में हमसे पढ़ते थे।
रोना आ रहा था पर फिर भी खिसियानी मुस्कुराहट के साथ बोले अरे सर हमारे पास कोई एक्सपीरियंस नही है पर हम खुद अनुभव हैं जिसे अंग्रेजी में एक्सपीरियंस कहते हैं,खैर कोई बात नही नमस्ते सर।
इतना कहके हम चले आये और उस साल फिर किसी कोचिंग में नही गए बेइज्जत होने।
2013 में अपने घर पर ही खुद की कोचिंग शुरू की और 2 महीने में ही हमारे पास सिर्फ गणित पढ़ने आने वाले छात्रों की संख्या 350 हो गई।
साल आया 2014 ,इस बार उन संचालक महोदय ने हमे फोन किया और खुद हमसे मिलने आये और कहने लगे अनुभव हम चाहते हैं तुम और हम एक साथ पढ़ाये।हमे सारी पुरानी बातें याद आ गईं और हमने साफ इनकार करने की बजाए उन्हें अगले दिन सोच कर बताने को कहा
अगले दिन हम उनसे मिले तो पर स्पष्ट कुछ भी नही कहा बल्कि 2 दिन बाद बताने को कहा और जब 2 दिन बाद उनसे मिले तो उन्होंने चाय समोसा मंगवाया।
हमने चाय ली पर समोसा ये कहते हुए इनकार कर दिया कि सर समोसा कहा लेंगे तो आपका नमक खा लिया फिर नमकहरामी नही हो पाएगी।
चाय खत्म होने के बाद हमने उनसे कहा “सर 2012 में आपने हमे तीसरे दिन बताया था कि हमसे ज्यादा काबिल लोग आपके पास हैं इसीलिए हम भी आपको तीसरे दिन बता रहे हैं हम आपके साथ नही पढ़ा सकते। हम बस हिसाब बराबर कर रहे थे।”
हमारे पापा ने हमे खूब डाँटा ये कहकर कि तुमको घमण्ड हो गया है ,किसी को इस तरह बेइज्जत नही किया जाता और 2 दिन तक हमसे बात नही की।
पर हकीकत बस ये थी कि हमे घमण्ड नही था बस अपनी बेइज्जती का बदला लेने की सनक सवार थी।उस दिन हम गलत थे हमे पता है पर इंसान भगवान नही हो सकता और न हम इतने अच्छे हो सकते हैं कि अपने साथ किया बुरा बर्ताव भूल जायें।
2) खजूर में पोटाशियम, कैलशियम, मैग्नीशियम और कॉपर पाया जाता है. फाइबर की मौजूदगी शरीर के कोलेस्ट्रोल को खारिज कर कब्ज को दूर करती है. इसके अंदर मौजूद Tannin शरीर के जहरीले तत्वों को बाहर निकालने में मददगार साबित होता है. Tannin बैक्टीरिया मारने की क्षमता रखता है.
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