Social Sciences, asked by nidhichouhan49, 12 days ago

म.5
प्र.6
पूँजीवाद को समझाइए?
Explain capitalism.
सामाजिक व्यवस्थाओं के विभिन्न अंगों को सा
What are the components of social syste
प्र.7
समाज ही ईश्वर है ? बतलाइए ?
Explain society as a Supreme God?
8 उत्पादन की प्रक्रिया को बताईये ?
What is mode of production?
विश्वास की पद्धति क्या है समझाइए ?
What is belief system?
भूमिका के तरीके को समझाइए ?
Describe the Role of Ideas?​

Answers

Answered by sfghh3567567
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Explanation:

  1. पूँजीवाद को समझाइए?

ans_पूंजीवाद (Capitalism) सामन्यत: उस आर्थिक प्रणाली या तंत्र को कहते हैं जिसमें उत्पादन के साधन पर निजी स्वामित्व होता है। ... पूँजीवाद एक आर्थिक पद्धति है जिसमें पूँजी के निजी स्वामित्व, उत्पादन के साधनों पर व्यक्तिगत नियंत्रण, स्वतंत्र औद्योगिक प्रतियोगिता और उपभोक्ता द्रव्यों के अनियंत्रित वितरण की व्यवस्था होती है।

2. सामाजिक व्यवस्थाओं के विभिन्न अंगों को सा

सामाजिक संरचना के घटक संस्कृति, सामाजिक वर्ग, सामाजिक स्थिति, भूमिकाएं, समूह और संस्थान हैं।

3.समाज ही ईश्वर है ? बतलाइए ?

ऐसी मान्यता है कि मनुष्य योनि अनेक जन्मों के उपरान्त कठिनाई से प्राप्त होती है । ... परन्तु मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । मनुष्य समूह में परस्पर मिल-जुलकर रहता है और समाज का अस्तित्व बनाए रखने के लिए मनुष्य को एक-दूसरे के सुख-दुःख में भागीदार बनना पड़ता है

4.उत्पादन की प्रक्रिया को बताईये

उत्पादन की प्रक्रिया

ग्राहकों की मांगें हम संचार के माध्यम से ग्राहकों की मांगों के बारे में अधिक जानते हैं।

उद्धरण प्रस्ताव ग्राहकों की मांगों की पुष्टि होने के बाद प्रस्ताव प्रदान किया जाएगा।

आदेश की पुष्टि ...

क्रय ...

आने वाली निरीक्षण / सामग्री सूची ...

उत्पादन योजना ...

मोल्डिंग ...

पोस्ट का इलाज

5.विश्वास की पद्धति क्या है समझाइए

किसी तर्क अथवा तथ्य को बिना किसी दबाव के अपनी पूर्व मान्यताओ अथवा व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर स्वीकार करना ही विश्वास है। प्रेम के लिए जीवन में सच्चे विश्वास की आवश्यकता होती है। विश्वास को प्राप्त करने का पहला साधन है व्यक्तिगत अनुभव और उससे उभरता भरोसा । यह भरोसा किसी वस्तु या व्यक्ति में भी हो सकता है।

6.भूमिका के तरीके को समझाइए ?

भूमिका निर्वहन या अभिनय और अनुकरण जैसी संवादात्मक अध्यापन रणनीतियां सबसे बेहतर उस वक्त काम करती हैं, जब उन्हें स्वयं स्फूर्त तरीके से छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किया जाए

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