मैं अछूत हूँ मंदिर में आने का मुझको अधिकार नहा है
किंतु देवता यह न समझना तुम पर मेरा प्यार नहीं है।
प्यार असीम अमिट है फिर भी पास तुम्हारे आ न स
यह अपनी छोटी-सी पूजा चरणों तक पहुँचा न सकूँ
इसीलिए इस अंधकार में मैं छिपती-छिपती आई हूँ
तेरे चरणों में खो जाऊँ, इतना व्याकुल मन लाई हैं
मैं गरीबिनी किसी तरह से पूजा का सामान जुटात
बड़ी साध से तुझे पूजने मंदिर के द्वारे तक आ
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मैं अछूत हूं मंदिर में आने का मुझको अधिकार नहीं उस दिन तू देखता है यह न सोचना तुम पर मेरा प्यार नहीं प्यार असीम अमित है फिर भी पास तुम्हारे में आ न सका यह अपनी छोटी सी पूजा चरणों तक पहुंचा सके इसलिए इस अंधकार में आई हूं जो आपने लिखा था वही
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