मैं ऐसा महावीर हूं, पापड़ तोड़ सकता हूँ, अगर गुस्सा आ जाए तो कागज मरोड़ सकता हूं। काव्य पंक्ति में कौन सा रस है?
वीर रस
हास्य रस
भक्ति रस
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सही विकल्प है...
✔ हास्य रस
स्पष्टीकरण ⦂
✎... मैं ऐसा महावीर हूं, पापड़ तोड़ सकता हूँ, अगर गुस्सा आ जाए तो कागज मरोड़ सकता हूं। इस काव्य पंक्ति में ‘हास्य रस’ है।
हास्य रस का स्थाई भाव हास होता है।
हास्य रस की परिभाषा के अनुसार ‘जब दूसरों की चेष्टा को देखकर या उसके अनुकरण करने से जो हास्य से उत्पन्न होता है अथवा किसी वस्तु, व्यक्ति के विकृत आकार, वेशभूषा, वाणी, चेष्टा आदि से व्यक्ति को बरबस हंसी आ जाए तो वहां का हास्य रस की उत्पत्ति होती है।’
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Explanation:
abala jivan hay! tumhari yahi kahani, anchal me hai dudh aur akhome pani
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