मैं अपने देश का एक नागरिक हूं और मानता हूं कि मैं ही अपना देश हूं जैसे मैं अपने लाभ और सम्मान के लिए हर एक छोटी छोटी बात पर ध्यान देता हूं वैसे ही मैं अपने देश के लाभ और सम्मान के लिए भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता हूं यह मेरा कर्तव्य है और मैं जैसे मैं अपने सम्मान और साधनों से अपने जीवन में सहारा पाता हूं वैसे ही देश के सम्मान और साधनों से भी सहारा पाऊं यह मेरा अधिकार है बात यह है कि मैं और मेरा देश दो अलग चीज है तो है ही नहीं मैंने जो कुछ जीवन में अध्ययन और अनुभव से सीखा है वह यही है कि महत्व किसी कार्य की विशालता में नहीं है उस कार्य को करने की भावना में है बड़े से बड़ा कार्य हीन है यदि उसके पीछे अच्छी भावना नहीं है और छोटे से छोटा काम भी महान है यदि उसके पीछे अच्छी भावना है हमारे देश को दो बातों की सबसे ज्यादा जरूरत है एक शक्ति बोध और दूसरा सौंदर्य बोध।
(क) मैं शब्द का प्रयोग हुआ है-
व्यक्ति के लिए
समाज के लिए
नेताओं के लिए
लेखक के लिए
(ख) देश के सम्मान को बनाए रखने के लिए आवश्यकता है-
बड़ी-बड़ी बातों पर ध्यान देने की
छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की
छोटी बड़ी बातों पर ध्यान देने की
लाभ हानि पर ध्यान देने की
(ग) लेखक ने कार्य करने का महत्व सीखा-
अध्ययन और अनुभव से
कार्य की विशालता से
छोटी बड़ी बातों से
दूसरों से
(घ) लेखक ने जीवन में सीखा-
महत्व कार्य की विशालता में है
महत्व कार्य करने की भावना में है
महत्व कार्य की संक्षिप्ता में है
तीनों में से कोई नहीं
(ड.) लेखक के अनुसार अलग चीज क्या नहीं है-
मैं और मेरा देश
मैं और मेरा राज्य
मैं और मेरा गांव
मैं और मेरा समाज
Answers
Answer:
मैं अपने देश का एक नागरिक हूं और मानता हूं कि मैं ही अपना देश हूं जैसे मैं अपने लाभ और सम्मान के लिए हर एक छोटी छोटी बात पर ध्यान देता हूं वैसे ही मैं अपने देश के लाभ और सम्मान के लिए भी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता हूं यह मेरा कर्तव्य है और मैं जैसे मैं अपने सम्मान और साधनों से अपने जीवन में सहारा पाता हूं वैसे ही देश के सम्मान और साधनों से भी सहारा पाऊं यह मेरा अधिकार है बात यह है कि मैं और मेरा देश दो अलग चीज है तो है ही नहीं मैंने जो कुछ जीवन में अध्ययन और अनुभव से सीखा है वह यही है कि महत्व किसी कार्य की विशालता में नहीं है उस कार्य को करने की भावना में है बड़े से बड़ा कार्य हीन है यदि उसके पीछे अच्छी भावना नहीं है और छोटे से छोटा काम भी महान है यदि उसके पीछे अच्छी भावना है हमारे देश को दो बातों की सबसे ज्यादा जरूरत है एक शक्ति बोध और दूसरा सौंदर्य बोध।
(क) मैं शब्द का प्रयोग हुआ है-
व्यक्ति के लिए
समाज के लिए
नेताओं के लिए
लेखक के लिए
(ख) देश के सम्मान को बनाए रखने के लिए आवश्यकता है-
बड़ी-बड़ी बातों पर ध्यान देने की
छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की
छोटी बड़ी बातों पर ध्यान देने की
लाभ हानि पर ध्यान देने की
(ग) लेखक ने कार्य करने का महत्व सीखा-
अध्ययन और अनुभव से
कार्य की विशालता से
छोटी बड़ी बातों से
दूसरों से
(घ) लेखक ने जीवन में सीखा-
महत्व कार्य की विशालता में है
महत्व कार्य करने की भावना में है
महत्व कार्य की संक्षिप्ता में है
तीनों में से कोई नहीं
(ड.) लेखक के अनुसार अलग चीज क्या नहीं है-
मैं और मेरा देश
मैं और मेरा राज्य
मैं और मेरा गांव
मैं और मेरा समाज
Answer:
(क) लेखक के लिए
(ख) छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की
(ग) अध्ययन और अनुभव से
(घ) महत्व कार्य करने की भावना में है
(ड) मैं और मेरा देश
Explanation:
- उपरोक्त गद्यांश 'मैं और मेरादेश' निबन्ध से लिया गया हैं इस के लेखक श्री कन्हेया लाल मिश्र ( प्रभाकर) है।
- जिन्हों ने अपने आप को अपने देश से अलग नहीं मानते हुए आपने देश के प्रति सम्मान प्रेम और निष्ठा का सुंदर वर्णन किया है।
- उपरोक्त गद्यांश में-
(क) मैं शब्द का प्रयोग लेखक के लिए हुआ है
(ख) देश के सम्मान को बनाए रखने के लिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है
(ग) लेखक ने कार्य करने का महत्व अध्ययन और अनुभव से सीखा
(घ) लेखक ने जीवन में सीखा- महत्व कार्य करने की भावना में है
(ड) लेखक के अनुसार मैं और मेरा देश अलग चीज नहीं है
#SPJ3