मोबाइल फोन का बच्चों के जीवन पर पढ़ता प्रभाव
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रिसर्च से पता चला है कि केवल 2 मिनट तक फोन पर बात करने से, बच्चे के दिमाग के अंदर की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को बदला जा सकता है। यह अनिश्चित गतिविधि मूड पैटर्न और व्यवहार की प्रवृत्ति में परिवर्तन का कारण बन सकती है, और बच्चों को नई चीजें सीखने में या ठीक से ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है।
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विकास और प्रौद्योगिकी के इस बदलते दौर में मोबाइल मानव जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। एक पल के लिए भी कोई इसे खुद से दूर नहीं करना चाहता है। इसी का नतीजा है कि माता-पिता की देखा-देखी आज छोटे-छोटे बच्चे भी इसके आदी हो गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाड-प्यार के कारण आपने जिस उपकरण को अपने बच्चे की जिंदगी में दाखिल किया है, आगे चलकर वह आपके बच्चे की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए हम मॉमजंक्शन के इस लेख में आपको बच्चों में मोबाइल की लत के कारण, इसके जोखिम कारक और इसे छुड़ाने के कुछ उपाय संबंधी जानकारी देने जा रहे हैं।
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