माँ बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है', बहादुर के इस कथन से पता लगता है कि....
(क) उसे मा-बाप द्वारा लिया गया कर्जा चुकाना है ______
(ख) उसे मा-बाप के प्रति कर्तव्य का बोज है ______
(ग) उसके मा-बाप जीवन भर कर्ज चुकाते रहे ______
(घ) उसने मा-बाप से बहुत सारा पैसा लीया है _______
Answers
Answer:
उसे माँ बाप के प्रति कर्तव्य का बोझ है
इसका सही जवाब है...
(ख) उसे मां-बाप के प्रति कर्तव्य का बोध है।
ये प्रश्न ‘अमरकांत’ द्वारा लिखित कहानी “बहादुर” पाठ से संबंधित है।
‘मां-बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है’ बहादुर के इस कथन से पता लगता है, कि उसे मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्य का बोध है। जीवन में हर व्यक्ति को अपने मां-बाप के प्रति कर्तव्य का बोध होना चाहिए। मां-बाप जिस तरह अपने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करते हैं, तकलीफ उठाते हैं, उनकी शिक्षा के लिए और भविष्य के लिए अपनी इच्छाओं का बलिदान करते हैं, उनका यह त्याग और बलिदान ऋण के रूप में बच्चों पर चढ़ता है और वह उनकी संतान इस ऋण को पूर्ण रूप से कभी नही चुका सकती। लेकिन वह अपने मां-बाप की देखभाल कर उनके प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह कर माँ-बाप के ऋण की कुछ हद तक भरपाई अवश्य कर सकती है।
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