मुंबई निवासी मंगेश/सुकन्या जाधव अपने विद्यालय के लिए पुस्तकों की मांग करते
के नाम पत्र लिखता/लिखती है।
व्यवस्थापक, राज बुक डिपो, मुंब:
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श्रीमान् प्रधानाचार्य,
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय,
पंजाबी बाग,
दिल्ली-110032
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं सातवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिताजी एक निर्धन कर्मचारी हैं। उनकी आय मात्र 1600 रूपये प्रतिमाह है। घर में हम पाँच भाई-बहन हैं और कमाने वाले वह अकेले। महंगाई के इस युग में इतनी कम आय में घर और बच्चों की पढाई का निर्वाह करना अत्यन्त कठिन होता है।
मैं अपनी कक्षा में सदैव प्रथम आता रहा हूँ और भविष्य में आगे पढ़ने का इच्छुक हूँ। पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता हूँ। भविष्य में मेरी पढाई में कोई विध्न न पड़े इसलिए मुझे विद्यालय से पुस्तकें और गणवेश (वर्दी) प्रदान करने की कृपा करें। पहले भी मुझे इस प्रकार की सहायता के लिए मैं आपका ऋणी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अनिल
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