मूच्र्छा ( बेहोशी) आने पर अपनाए गए किन्हीं चार उपचारों को लिखिए।
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सबसे पहले व्यक्ति के आसपास हवा आने की जगह बनाएं और ध्यान दें कि वो सही तरह से सांस ले सकें।
कम से कम 10-15 मिनट तक किसी ठंडी व पर्याप्त जगह पर लेटे रहें। यदि लेटने की जगह न हो तो व्यक्ति को बैठा दें और उनके कंधे से सिर को नीचे की ओर करते हुए घुटनों पर रख दें।
बेहोशी के लक्षण जैसे हल्का सिरदर्द, मतली, या ठंड लगना और पसीना आना जैसे लक्षण नजर आने पर मुट्ठी बांध लेना, पैरों को घुमा लेना और जांघों को दबाना जैसी क्रियाएं करके बेहोशी के प्रकोप से तत्कालिक रूप से निकला जा सकता है।
ऐसे व्यक्ति जो बेहोशी की समस्या से काफी लंबे समय से परेशान हैं, इनके इलाज में बरते जानें वाले तरीकों व थैरेपी को जानने व सीखने का प्रयास करें, ताकि किसी के बेहोश होने पर आप उस तकनीक का इस्तेमाल कर सकें।
इसके निदान पर निर्भर करते हुए, हृदय स्थिति के कारण होने वाली बेहोशी को रोकने या कम करने के लिए निम्नलिखित उपचारों की मदद ली जा सकती है:
हृदय की धीमी धड़कन के कारण होने वाली बेहोशी के लिए पेसमेकर का इस्तेमाल करना, इसका सबसे आम उपचार है।
हृदय की तीव्र धड़कनों के लिए इन उपचारों को शामिल कर सकते हैं:
हृदय की सामान्य दर को बनाएं रखने के लिए नियंत्रित बिजली के झटके का भी प्रयोग करना। गौरतलब है कि हृदय की असामान्य लय का इलाज करने के लिए इसका अक्सर इस्तेमाल किया जाता है।
अनियमित हृदय दर या इसके अंतर्निहित रोग को नियंत्रित करने के लिए दवाओं का प्रयोग करना।