'मैं चरखा संघ के लिए हज़ारों रुपए के चेक संभालता हुँ । फिर भी आप मुझपर इस सिक्के को लेके यकीन नहीं कर रहे हैं।' यह वाक्य किसने कहा?
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gandhi ji patni kastoroba..
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जमनालाल जी ने कहा, 'मैं चरखा संघ के लिए हजारों रुपये के चेक संभालता हूं। अभी आप मुझ पर एक तांबे के सिक्के के लिए भी भरोसा नहीं कर रहे हैं। एक तांबे के सिक्के के लिए आपकी चिंता मुझे परेशान कर रही है। ' इस पर गांधी जी ने अपने मन के उद्गार को व्यक्त करते हुए कहा, 'यह सिक्का हजारों से कहीं अधिक कीमती है।
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