Economy, asked by akdasauza, 1 year ago

मिड डे मील किसके अंतर्गत आता है

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Answered by gauraryankumar
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हाल ही में, मेरे एक सहकर्मी ने बताया कि अपने बच्चे के स्कूल के चयन में यह निर्णायक रहा कि स्कूल में खाना दिया जाता है कि नहीं.

न सिर्फ़ अपनी सुविधा के लिए (माँ-बाप दोनों काम करते हैं) लेकिन इसलिए भी कि घर से लाये गए टिफिन की बच्चे आपस में तुलना करने लगते हैं, जिसका बुरा असर पड़ता है.

स्कूल में मिड डे मील के दो ज़रूरी पहलू इससे सामने आते हैं.

पहला कि बच्चे को सुबह स्कूल भेजना एक किस्सा है - उठाना, तैयार करना और साथ ही, खिलाना और खाना देना.

स्कूल में यदि मिड डे मील मिले तो कामकाजी माँओं को कुछ राहत मिलती है.

गरीब घरों के कुछ बच्चे तो खाली पेट ही आते हैं, और स्कूल के बाद घर जाकर खाते हैं. जिस बच्चे के पेट में चूहे दौड़ रहे हों, क्या उस बच्चे के लिए मन लगा कर पढ़ाई करना मुमकिन है?

इस नज़रिये से देखें तो मिड डे मील योजना, शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है. स्कूलों में नामांकन, उपस्थिति और पढ़ाई तीनों में मददगार है. पौष्टिक खाना मिले तो कुपोषण पर भी वार कर सकती है.

दूसरा, मिड डे मील स्कीम एक समाज की रचना में भी महत्वपूर्ण कदम है.

स्कूल में खाने का समय होता है, तो बच्चे पहले हाथ धोते हैं, थाली धोते हैं, लाइन से बैठते हैं (या लाइन बनाकर खाना लेने जाते हैं), एक साथ बैठकर खाते हैं - इन सभी का अपना महत्त्व है.

खाने से पहले हाथ धोना, स्वास्थ्य शिक्षा का एक सरल लेकिन ज़रूरी पाठ है. हर जाति-वर्ग के बच्चे, साथ बैठकर खाएंगे तो लोकतंत्र का अहम पाठ पाते हैं.

उपरोक्त गिनाई गयी खूबियों के अलावा, इस योजना की क्या भूमिका हो सकती है उसे समझने के लिए जापान के मिड डे मील स्कीम का यह वीडियो ज़रूर देखें.

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