मीडिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व से आप क्या समझते है?
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Answer:
मीडिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व
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महिला पत्रकारों को भारत में प्रमुख संगठनों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। ‘‘भारतीय मीडिया में लैंगिक असमानता’’ नाम की रिपोर्ट में पाया गया कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व अखबार और टेलीविजन के मुकाबले ऑनलाइन मीडिया में बेहतर है। अखबारों में स्थिति बेहद खराब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑनलाइन पोर्टलों में 26.3 फीसदी शीर्ष नौकरियों में महिलाएं हैं जबकि टीवी चैनलों में 20.9 प्रतिशत और पत्रिकाओं में 13.6 प्रतिशत महिलाएं नेतृत्व की स्थिति में यानी प्रधान संपादक, प्रबंध संपादक, कार्यकारी संपादक, ब्यूरो प्रमुख या इनपुट/आउटपुट संपादक पदों पर हैं। जिन समाचार पत्रों के नमूने लिए गए उनमें से किसी में भी महिला बॉस नहीं हैं। सात हिंदी और छह अंग्रेजी अखबारों के नमूने लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन रीडरशिप सर्वे 2018 में स्थिति के आधार पर इन 13 समाचार पत्रों का चयन किया गया। संयुक्त राष्ट्र निकाय को नवभारत टाइस और दैनिक भास्कर के आंकड़े नहीं मिल पाए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत और दुनियाभर में आज मीडिया में बड़े पैमाने पर पुरुषों का वर्चस्व है। महिलाओं को अक्सर जीवनशैली और फैशन जैसी आसान बीट्स दी जाती हैं जबकि पुरुषों को राजनीति, अर्थव्यवस्था और खेल जैसी कठिन बीट्स दी जाती हैं।’’ ऑनलाइन न्यूज पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री द्वारा द मीडिया रम्बल में जारी किए इस अध्ययन में 13 अखबारों के अलावा छह हिंदी और कई अंग्रेजी समाचार चैनल, 11 वेबसाइटों, पांच रेडियो स्टेशनों और चार पत्रिकाओं का अध्ययन किया गया। हालांकि, महिलाओं के लिए डिजीटल मीडिया उम्मीद की किरण लेकर आया। इसमें 35 फीसदी लेखक महिलाएं हैं जिन्हें सभी लेखों के 39.8 प्रतिशत के लिए बाइलाइन मिली।