मीडिया दवारा सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों का सकारात्मक रूप पर्तुत करने के बारे अपने विचार चलने का आया करते हुए संपादक को पत्र लिखिए।
Answers
संपादक को पत्र
श्री मान संपादक महोदय,
नया भारत समाचार,
दिल्ली
संपादक महोदय,
आजकल मीडिया में एक नई प्रवृत्ति ने जन्म ले लिया है। मीडिया आजकल खेमों में बंट गया है। राजनीतिक परिदृश्य हो या सामाजिक मुद्दे मीडिया अब निष्पक्ष नहीं रह गया है। मीडिया दो खेमों में बंट गया है। एक सरकार समर्थक और दूसरा सरकार विरोधी। जबकि मीडिया का सही कर्तव्य व कार्य यह है कि वह निष्पक्ष रहे। ना ही वह सरकार समर्थक ह और ना ही सरकार विरोधी। राजनीतिक दृष्टि से मीडिया जगत के कुछ समाचार पत्र या चैनल सरकार समर्थक हैं तो कुछ एक मीडिया समाचार पत्तियां चैनल को सरकार विरोधी हैं।
हर मीडिया समूह के अपने अपने एजेंडे और अपनी अपनी पसंद हो गई है। यह प्रवृत्ति पत्रकारिता और मीडिया जगत के लिए अच्छी नहीं है। इससे मीडिया की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह उठेंगे और उसकी साख में कमी आएगी। इसलिए आवश्यक है कि मीडिया न्यूट्रल होकर निष्पक्ष भाव से समाज की सच्ची तस्वीर जनता के समक्ष प्रस्तुत करें ना कि अपने एजेंडे और अपनी विचारधारा की चाशनी में लपेट कर।
अनेक मीडिया चैनल टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में किसी भी सामाजिक या राजनीतिक मुद्दे को सनसनी ढंग से प्रस्तुत करते हैं। यदि मीडिया को अपनी सकारात्मक बनाए रखनी है तो उसे को भी सकारात्मक ग्रुप में प्रस्तुत करना होगा सभी लोग मीडिया पर सहज रुप से विश्वास कर देंगे नहीं तो मीडिया अपनी विश्वसनीयता को देगा जो लोकतंत्र के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है।
धन्यवाद,
एक पाठक
विनय कुमार
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