Hindi, asked by tiarajain28, 6 months ago

मीडिया विश्वसनीय नहीं रही इस पर निबंध लिखिए​

Answers

Answered by khushbooh005
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Answer:

❣️❣️PLZ MARK ME AS BRAINLIEST ❣️❣️

Explanation:

लोकतंत्र में मीडिया की आलोचनात्मक भूमिका पर कोई विवाद नहीं रहा है लेकिन पिछले सालों में पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों में भी उसकी भूमिका पर सवाल उठाए जाने लगे हैं. उसे लोकतंत्र में सूचना का माध्यम या सरकारी नीतियों की आलोचनात्मक विवेचना का वाहक समझने के बदले राजनीतिक दलों और राजनीतिज्ञों के समर्थन या विरोध का मंच समझा जाने लगा है.

भारत भी इसका अपवाद नहीं है. प्रेस स्वतंत्रता इंडेक्स में 180 देशों की सूची में उसका स्थान 140वां है. मीडिया से जुड़े लोग भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं. कहीं उसे प्रेस्टिच्यूट कहकर बदनाम किया जा रहा है तो कहीं गोदी मीडिया कह कर. सोशल मीडिया ने इस संकट को और बढ़ाया है. एक ओर परंपरागत मीडिया समाचार का पहला स्रोत नहीं रह गया है और दूसरी ओर आमदनी गिरने से रिपोर्ट पर रिसर्च के संसाधन कम हुए हैं. नतीजा दुनिया भर में मीडियाकर्मियों की संख्या में कटौतियों और अखबारों की बिक्री में कमी के रूप में सामने आ रहा है.

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