History, asked by anandkumart512, 8 months ago

मॉडल एक्टिविटी टास्क
History (इतिहास)
Class-VIII
दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए
अठाहरवीं शताब्दी में मुगल शासन पतन के द्वार पर खड़ा हो गया था।
करेंगे?​किस प्रकार वर्णन​

Answers

Answered by Piyush4243
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Answer:उत्तर :

17वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक अकबर और शाहजहाँ की नीतियों पर टिका गौरवशाली मुगल साम्राज्य मजबूत एवं स्थिर था, किंतु औरंगजेब के कार्यकाल के दौरान, उसकी गलत नीतियों ने मुगल साम्राज्य की स्थिरता को क्षीण किया। फिर भी, सेना और प्रशासनिक व्यवस्था नामक दो स्तम्भ 1707 ई. (औरंगजेब की मृत्यु) तक सीधे पड़े खड़े रहे। उत्तराधिकार की लड़ाइयों और कमजोर शासकों ने 1707-1719 तक दिल्ली को अशांत रखा। यद्यपि मुहम्मदशाह ने 29 वर्षों की लंबी समयावधि तक शासन किया, तथापि उसकी अक्षमता के कारण मुगल साम्राज्य लगातार विघटित होता गया। बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों से हार के बाद तो मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय एक पेंशन प्राप्तकर्त्ता ही बनकर रह गए।

इतने विशाल मुगल साम्राज्य के पतन के मुख्य कारण निम्नलिखित रहे-

मुगलों का शासन वैयक्तिक रूप से निरंकुश था और इसीलिये इसकी सफलता शासन करने वाले निरंकुश शासक के चरित्र पर निर्भर थी। औरंगजेब के बाद के मुगल शासक प्रभावहीन थे, उन्होंने राज्य के प्रशासन की उपेक्षा की।

उत्तराधिकार के एक निश्चित कानून के अभाव के कारण सदैव उत्तराधिकार के प्रश्न पर युद्ध हुए, जिसने साम्राज्य को कमजोर किया।  

साम्राज्य की सीमाएँ काफी व्यापक थी परंतु प्रहरी अक्षम और कमजोर।

औरंगजेब की धार्मिक नीति ने राजपूतों, सिखों, जाटों और मराठों को नाराज कर दिया। इस नाराजगी ने विभिन्न विद्रोहों का रूप लिया।

औरंगजेब की दक्कन नीति पूरी तरह सफल रही और काफी हद तक मुगल साम्राज्य के पतन का कारण बनी।

नादिरशाह और अहमदशाह अब्दाली के आक्रमणों ने मुगल साम्राज्य को ध्वस्त करने में बड़ा योगदान दिया।

सेना की बिगड़ी स्थिति, निरंतर युद्ध, कृषि में विकास की गति का स्थिर होना, और व्यापार एवं उद्योग में ह्वास साम्राज्य के आर्थिक पतन का कारण बने।

अंत में, यूरोपीय शक्तियों के आगमन, जिन्होंने भारत की तात्कालिक स्थितियों एवं दशाओं का लाभ उठाया, ने भी मुगल साम्राज्य के विघटन को अंजाम तक पहुँचाया।

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