Science, asked by madhukushwah585, 2 months ago

मेंडल ने लम्बे मटर के पौधे ओर बोने मटर के पौधे लिए ओर उनमे संकरण द्वारा f 1 सन्तन्ति उत्त्पन की उन्होने इस संतति f 1 में क्या प्रेक्षण किया?​

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Answered by Anonymous
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संकरण करा कर प्राप्त संतति पीढ़ी में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की।

प्रथम संतति अथवा F1 में कोई पौधा बीच की ऊँचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। इसका अर्थ था कि पहली पीढ़ी में दो लक्षणों में से केवल एक पैतक लक्षण ही दिखाई देता है। उन दोनों का मिश्रित प्रभाव दिखाई नहीं देता। मेंडल ने अपने प्रयोगों में दोनों प्रकार के पैतृक पौधों एवं F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण द्वारा उगाया। पैतृक पीढ़ी के लंबे पौधों से प्राप्त सभी संतति भी लंबे पौधों की थी। पर F1 पीढ़ी के लंबे पौधों की दूसरी पीढ़ी अर्थात् F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। उनमें से एक चौथाई संतति बौने पौधे थे। इससे संकेत मिला कि F1 पौधों द्वारा लंबाई एवं बौनेपन दोनों के विकल्पी लक्षणों की वंशानुगति हुई। केवल लंबाई वाला विकल्प अपने आपको व्यक्त कर पाया। इसलिए किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की वंशानुगति होती है।

‘TT’ एवं ‘Tt’ दोनों ही लंबे पौधे हैं, लेकिन ‘tt’ बौने पौधे हैं। ‘T’ एक अकेला विकल्प ही पौधे को लंबा बनाने के लिए पर्याप्त है, जबकि बौनेपन के लिए ‘t’ के दोनों विकल्प ‘t’ ही होने चाहिएं। ‘T’ जैसे विकल्प ‘प्रभावी‘ लक्षण कहलाते हैं जबकि जो लक्षण (Trait) ‘t’ की तरह व्यवहार करते हैं, ‘अप्रभावी‘ कहलाते हैं।

यदि गोल बीज वाले लंबे पौधों का झरींदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए तो F1 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे एवं गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबाई तथा गोल बीज ‘प्रभावी‘ लक्षण हैं। परंतु जब F1 संतति के स्वपरागण से F2 पीढ़ी की संतति प्राप्त होती है। पहले प्रयोग के आधार पर F2 संतति के कुछ पौधे गोल बीज वाले लंबे पौधे होंगे तथा कुछ झुरींदार बीज वाले बौने पौधे। परंतु F2 की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे। उनमें से कुछ पौधे लंबे पर झुरींदार तथा कुछ पौधे बौने पर गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबे/बौने लक्षण तथा गोल/झुरींदार लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।

ग्रेगर जॉन मेंडल (1828-1884)

मेंडल ने प्रारंभिक शिक्षा एक गिरजाघर से प्राप्त की थी। वह विज्ञान एवं गणित के अध्ययन के लिए वियाना विद्यालय गए। उन्होंने मोनेस्ट्री में मटर को उगाना प्रारंभ किया। उनसे पहले भी अनेक वैज्ञानिकों ने मटर एवं अन्य जीवों के वंशागत गुणों का अध्ययन किया था। मेंडल ने अपने विज्ञान एवं गमितीय ज्ञान को समिश्रित किया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने प्रत्येक पीढ़ी के एक-एक पौधे द्वारा प्रदर्शित लक्षणों का रिकार्ड रखा तथा गणना की। इससे उन्हें वंशागत नियमों के उत्पादन में सहायता मिली।

Answered by Anant124
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Answer:

Thanks for giving thanks can we be frnds..❤

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