Biology, asked by MasterH827, 9 months ago

मेंडल द्वारा मटर पर किये गये एकसंकर संकरण के प्रयोग तथा निष्कर्ष का वर्णन करें।

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Answered by shubhangipatil
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Explanation:

ईच्छित लक्षणों की संतान प्राप्ति हेतु आनुवंशिक रूप से भिन्न दो प्राणियों के मध्य अपनायी जाने वाली कृत्रिम परपरागण की क्रियाविधि को संकरण (hybridization) कहते हैं | इस क्रिया में मादा जनक पौधे के पुष्पों के परिपक्वन के पूर्व ही उनके परागकोषों को निकाल देते हैं | इसके पश्चात नर जनक वाले पौधे से परागकण लेकर मादा जनक के वर्तिकाग्र पर छिडककर कृत्रिम परपरागण की क्रिया करायी जाती हैं |

परागकोषों को निकालने की क्रिया विपुंसन (emasculation) कहलाती हैं |

संकरण (hybridization) की क्रियाविधि में जो पौधे प्रयोग किये गए उन्हें जनकीय पौधे (parental generation) कहते हैं |

संकरण (hybridization) की क्रियाधि द्वारा प्राप्त संतान संकर संतान (hybrid) कहलाती हैं |

मेण्डल ने अपने प्रयोग हेतु एकबार में केवल एक ही लक्षण पर विचार किया |

मेण्डल ने अपने प्रयोग को प्रथम पीढ़ी (F 1) तक ही सीमित नही रखा बल्कि द्वितीय पीढ़ी (F2) एवं तृतीय पीढ़ी (F3) तक प्रयोग किया |

मेण्डल ने अपने प्रयोग द्वारा विभिन्न पीढ़ियों में प्राप्त भिन्न-भिन्न उपजातियों का संख्यात्मक लेखा तैयार किया |

मेंण्डल द्वारा चुने गए सात लक्षण निम्न लिखित हैं –

बीज का आकार — गोल (R) या झुर्रीदार (r)

फली का रंग — हरा (G) या पीला (g)

पुष्प का रंग या बीजचोल का रंग — ग्रे या सफेद

बीज पत्र का रंग — पीला (Y) या हरा (y)

फली का आकार — फुला हुआ या संकुचित

पुष्प स्थिति — अक्षीय या शीर्षस्थ

तने की लम्बाई — लम्बा (L) या बौना (l)

Answered by kundan2600
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Answer:

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