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“माँ” एक ऐसे बैंक है..
जहाँ आप हर भावना और दुःख जमा कर सकते है …. और “पिता” एक ऐसे क्रेडिट कार्ड है ….
जिनके पास बैलेंस न होते हुआ भी …..
सपना पुरे करने की कोशिश करते है….
माता पिता के बिना घर कैसा होता है
अगर इसका अनुभव करना है तो,
एक दिन अपने अंगूठे के बिना
सिर्फ अपनी उंगलियों से सारे काम करके देखो,
माता-पिता की कीमत पता चल जाएगी.."
हे भगवान! बस इतना काबिल बनाना मुझे की
जिस तरह मेरे माँ-बाप ने मुझे खुश रखा,
मैं भी उनके बुढ़ापे में उनको खुश रख सकूँ.."
"घर की इस बार मुकमल मे तलाशी लूँगा,
गम छुपा कर मेरे माँ-बाप कहाँ रखते थे…
"ना ज़रूरत उसे पूजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपनी माँ-बाप की.."
"इज़्ज़त भी मिलगी ….दौलत भी मिलगी …
सेवा करो…माँ बाप…..की जनत भी मिलेगी…"
"गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है, दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज भी.."
"घर आके माँ-बाप बहुत रोये अकेले में
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते ना थे मेले में.."
"माँ बाप का हाथ पकड़कर रखिये..
लोगो के पांव पकड़ने की जरूरत नही पडेगी.."
"मुझे इतनी “फुर्सत” कहाँ कि
मैँ तकदीर का लिखा देखुँ ,
बस अपनी माँ की ” मुस्कुराहट” देख कर
समझ जाता हुँ की “मेरी तकदीर” बुलँद है.."
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
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Answer:
right it's all are correct thanks
I like this poem
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Parents are the most precious gift.
we should love them and respect them ❤️
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