Hindi, asked by purvaashetye, 6 months ago

मैं एक मजदूर हूँ”

मैं एक मजदूर हूँ, ईश्वर की आंखों से मैं दूर हूँ।
छत खुला आकाश है, हो रहा वज्रपात है।
फिर भी नित दिन मैं, गाता राम धुन हूं।
गुरु हथौड़ा हाथ में, कर रहा प्रहार है।
सामने पड़ा हुआ, बच्चा कराह रहा है।
फिर भी अपने में मगन, कर्म में तल्लीन हूँ।
मैं एक मजदूर हूँ, भगवान की आंखों से मैं दूर हूँ।
आत्मसंतोष को मैंने, जीवन का लक्ष्य बनाया।
चिथड़े-फटे कपड़ों में, सूट पहनने का सुख पाया
मानवता जीवन को, सुख-दुख का संगीत है।
मैं एक मजदूर हूँ, भगवान की आंखों से मैं दूर हूँ।

~ राकेशधर द्विवेदी


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Answered by arvinddalvi
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best

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no.1

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