Hindi, asked by curiosityexploded, 3 months ago

“मैं एक पेंसिल हूँ।
आगे की कुछ पंक्तियाँ अपने मन से बनाकर लिखो।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

HEYY

Explanation:

मैं लैड पेंसिल हूँ- साधारण लकडी की पैंसिल, जिसे सभी पढ़ने-लिखने वाले लड़के, लड़कियॉ और बड़े जानते हैं।

 

लिखना मेरी प्रवृत्ति और पेशा दोनों है। कुल मिला कर मै यहीं करती हूं।

 

आप हैरान हो सकते है कि मै अपनी वंशावली क्यों लिख रही हूं। अच्छा! आरंभ से ही, मेरी कहानी बड़ी रोचक है। और दूसरा, मै एक रहस्य हूं- वृक्ष से कहीं ज्यादा, सूर्यास्त से अधिक और यहां तक की बिजली की चमक से भी कहीं ज्यादा। लेकिन, दुखद यह है कि जो लोग मुझे इस्तेमाल करते हैं वे मुझे ऐसा समझ लेते है जैसे मै सिर्फ एक घटना हूं या ऐसे कि मेरी कोई पृष्ठभूमि नहीं हो। उनकी यह उपेक्षित मनोवृत्ति मेरे महत्व को घटा कर मुझे बहुत ही साधारण बना देती है। इस तरह की भूलें बहुत ही गंभीर हैं इस तरह मानव जाति ज्यादा समय तक बगैर संकट के आगे नही बढ़ सकती। बुद्धिजीवी जी.के.केस्टेरटोन की टिप्पणी है हम लोग बर्बाद हो रहे हैं करिश्मे की चाहत में, न की करिश्माओं की चाह में'।

 

मै, पैंसिल, यद्यपि साधारण दिखती हूं, लेकिन आपको हैरत में डालने और अपने प्रति आपका सम्मान बढ़ाने के लिए मै एक दावा को सही सिद्ध करने की कोशिश कर रही हूं। वस्तुत: यदि आप न्यून को समझ सकते हैं, वह किसी के बारे मे कहने के लिए बहुत ज्यादा है- यदि आप मेरी चमत्कारिकता से परिचित हो जाएगें जिसकी मै प्रतीक हूं, आप स्वतंत्रता की रक्षा करने में सहायता कर सकते हैं। जिसे मानव जाति बहुत ही दुख के साथ खोती जा रही है। मेरे पास आप सबको सिखाने के लिए बहुत ही गहरा सबक है। और यह सबक एक ऑटोमोबाइल या एक विमान और एक बर्तन धोने की यांत्रिक मशीन से ज्यादा अच्छे से सिखा सकती हूं- अच्छा, क्योंकि मैं देखने में इतनी साधारण हूं!

 

साधारण ! यद्यपि इस पृथ्वी पर रहने वाला एक व्यक्ति भी नहीं जानता कि मुझे कैसे बनाया जाता है। ये बहुत अजीब मालूम पडता है, नही? विशेषकर तब जब यह पता चलता है कि अमेरिका में प्रतिवर्ष मेरे दस से पंद्रह खरब प्रकार उत्पादित होते हैं।  

मुझे उठाएं और अच्छी तरह से देखें। आप क्या देखते है? आंखों को ज्यादा कुछ नहीं मिलता। मुझमें कुछ लकड़ी, लैकर पेड़ का तरल पदार्थ, ग्रेफाइट लैड, थोड़ी धातु और छपाई और रबड़ के टुकडे हैं।

जो सबक मुझे देना है वह है: सभी सृजात्मक ऊर्जाओं को स्वतंत्र छोड दिया जाए । इस सबक के साथ समाज को र्सिफ शांतिपूर्वक काम करने के लिए संगठित किया जाए। समाज की कानून-व्यवस्था सारी बाधाएं हटाने के लिए, जितना बेहतर काम कर सकती है, करने दिया जाए। इन सृजनात्मक विशेषताओं का स्वत्रतांपूर्वक प्रवाह होने दें। विश्वास रखें कि स्वतंत्र पुरुष और महिलाएं उस अदृश्य कमान के लिए अपनी प्रतिक्रिया देगें।

 

यह विश्वास अनुमोदित होगा। मैं, पैंसिल दिखने में साधारण यद्यपि, मै अपनी उत्पति के चमत्कार को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करती हूँ कि यह एक व्यावहारिक यथार्थ है, उतना ही जितना यथार्थ सूर्य है, वर्षा है, देवदार वृक्ष है और अच्छी पृथ्वी है।

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