मैग्नीज के उपयोग पर प्रकाश डालिए
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मैंगनीज़ एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक नज़रिये से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। प्रकृति में यह शुद्ध रूप में नहीं मिलता बल्कि अन्य तत्वों के साथ बने यौगिकों में मिलता है, जिनमें अक्सर लोहे के यौगिक शामिल होते हैं। शुद्ध करने के बाद इसका रंग सलेटी होता है और अगर इसे इस्पात में मिलाया जाये तो इस्पात ज़ंग नहीं खाता है। ओक्सीजन के साथ मिलकर इसके जो आयन होते हैं वह परमैंगनेट (permanganate, MnO4−) कहलाते हैं, और जब यह पोटैशियम जैसी क्षार धातुओं या क्षारीय पार्थिव धातुओं के साथ यौगिक बनाते हैं तो वह बहुत ही ओक्सीकारक (oxidizing) होते हैं (मसलन पोटैशियम परमैंगनेट)। मनुष्यों व अन्य जीवों को थोड़ी मात्रा में मैंगनीज़ अपने आहार में ज़रूरी होता है लेकिन उस से अधिक मात्रा में यह विषैला साबित होता है।[
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.सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) को कम करने में सहायक – हाल ही में हुए रिसर्च से इस बात का पता चला है कि मैगनीज, सेलेनियम और जिंक को इंजेक्शन के द्वारा लेने से सीओपीडी की गंभीरता को कम किया जा सकता है। इस तरह से मैगनीज को लेने वाले मरीजों की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आते हैं और वह मशीन की मदद के बिना खुद ही सांस लेने में सक्षम हो पाते हैं। (और पढ़ें - फेफड़ों को स्वस्थ रखने के वाले आहार)
ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव में सहायक? – ग्लूकोसामाइन हाइड्रोक्लोराइड (glucosamine hydrochloride: मैगनीज युक्त दवा) और कोनड्रोइटिन सल्फेट (Chondroitin sulfate) को साथ में करीब चार महीनों तक लेने से ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों का दर्द कम हो जाता है और वह अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी के अधिकतर काम करने में फिर से सक्षम होने लगते हैं। जबकि कुछ अध्ययन से यह भी पता चला है कि मैगनीज के बिना ग्लूकोसमाइन और कोनड्रोइटिन लेने से भी ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज में मदद मिलती है। इस तरह से ऑस्टियोआर्थराइटिस में मैगनीज के प्रभावों के बारे में कुछ सही तरह से नहीं कहा जाता सकता है। (और पढ़ें - गठिया के लिए योग)
ऑस्टियोपोरोसिस में सहायक होता है – मैगनीज को कैल्शियम, जिंक और कॉपर के साथ लेने से अधिक उम्र की महिलाओं में रीढ़ की हड्डी टूटने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही मैंगनीज को कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर और बोरॉन के साथ एक वर्ष तक लेने से कमजोर हड्डियों वाली महिलाओं की हड्डियों के द्रव्यमान (bone mass) में सुधार देखने को मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस कम हो जाता है। (और पढ़ें - हड्डियों की कमजोरी दूर करने के उपाय)
पीएमएस (Premenstrual syndrome, प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम) को कम करने में सहायक होता है – कुछ प्रारंभिक रिसर्च से पता चलता है कि कैल्शियम के साथ मैंगनीज लेने से पीएमएस के लक्षणों में सुधार होता है। इसके अलावा मैगनीज से दर्द, अकेलेपन, चिंता, बेचैनी, चिड़चिड़ाहट, मूड में तेजी से बदलाव, अवसाद और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। (और पढ़ें - तनाव के घरेलू उपाय)
मैगनीज के अन्य उपयोग
वजन को कम करने में सहायक होता है। (और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय)
घाव को भरने का कार्य करता है। (और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय
एनीमिया को कम करने में महत्वपूर्ण होता है। (और पढ़ें - एनीमिया के घरेलू उपाय)