मुगल काल की चित्रकला के स्वरूप को व्याख्या कीजिये ।
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भारत में मुगल चित्रकला 16वीं और 18वीं शताब्दी के बीच की अवधि का काल है। यह वह समय था जब मुगलों ने भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया था। मुगल चित्रकला का विकास सम्राट अकबर, जहाँगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में हुआ। मुगल चित्रकला का रूप फारसी और भारतीय शैली का मिश्रण के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं का संयोजन भी है।
मुगल चित्रकला का इतिहास:
भारत की मुगल चित्रकला हुमायूँ के शासनकाल के दौरान विकसित हुई। जब वह अपने निर्वासन से भारत लौटा तो वह अपने साथ दो फारसी महान कलाकारों अब्दुल समद और मीर सैयद को लाया। इन दोनों कलाकारों ने स्थानीय कला कार्यों में अपनी स्थिति दर्ज कराई और धीरे-धीरे मुगल चित्रकला का विकास हुआ।
कला की मुगल शैली का सबसे पूर्व उदाहरण ‘तूतीनामा पेंटिंग’ है। ‘टेल्स ऑफ-ए-पैरट जो वर्तमान में कला के क्लीवलैंड संग्रहालय में है। एक और मुगल पेंटिंग है, जिसे ‘प्रिंसेज़ ऑफ द हाउस ऑफ तैमूर’ कहा जाता है। यह शुरुआत की मुगल चित्रकलाओं में से एक है जिसे कई बार फिर से बनाया गया।