मुगल काल में मुख्यतः किस धातु के सिक्के प्रचलित थे?
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Explanation:
शुद्ध चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का इसे (शेरशाह द्वारा प्रवर्तित) इसका वजन 175ग्रेन होता था
मुगल काल में मुख्यतः किस धातु के सिक्के प्रचलित थे?
मुगल काल में अलग-अलग समय पर सोने-चांदी और ताँबे के सिक्कों का प्रचलन रहा है।
व्याख्या :
मुगल काल में मुख्यतः सोने, चांदी और ताँबे के सिक्के प्रचलन में थे। इन सभी थातुओं में चांदी के सिक्कों का प्रचलन सबसे अधिक रहा था, जिसे रुपया कहा जाता था। मुगल काल में अकबर के समय में सोने के सिक्का चलाया जाता था, जो एक सो एक तोले का होता था। इसे बड़े लेन-देन में प्रयुक्त किया जाता था। इसे 'शंसब' कहा जाता था। अकबर के द्वारा ही 'इलाही' नाम का एक गोलाकार सोने का 10 रुपये मूल्य सिक्का चलाया गया।
'रुपया' चांदी के सिक्कों को कहते थे जो मुगल काल और शेरशाह सूरी के समय में चलाया गया। अकबर द्वारा चलाए गए तांबे के सिक्के को 'दाम' कहते थे।
इसी तरह जहांगीर के समय तांबे के सिक्कों को 'निसार' कहा जाता था। इसके अलावा 'आना' नाम का एक सिक्का चलाया गया जो तांबे का होता था। मुगल काल में सबसे अधिक चांदी के सिक्कों का प्रचलन चल रहा है।
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