मुगलकालीन भारत के अध्ययन संबंधी फारसी स्त्रोत
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बाबरनामा तुर्की में लिखा गया था। इसका फारसी अनुवाद
1- जैन खां
2- पाइन्दा खां
3- अब्दुर रहीम खानखाना द्वारा किया गया।
मिर्जा हैदर दोंगलत - तारीख ए रशीदी
ख्वादां मीर - कानून ए हूमायूनीं
गुलबदन बेगम का - हूमायूनामा
जौहर आफतावची का तजकिरात उल वाकियात
अबुल फजल का अकबरनामा
अब्दुल कादिर बदांयुनी का - मुतंखब उत तवारीख
निजामुद्दीन अहमद की - तबकात ए अकबरी
फैजी सरहिन्दी का अकबरनामा
इनायत खां का तकमील ए अकबरनामा
असदबेग का हालात ए असदबेंग
जहांगीर की तुजुक ए जहांगीर
मुतमिद खां का इकबाल नामा ए जहांगीरी
हादी खां का वाकियात ए जहांगीरी
कामगार खां का मआसिर ए जहांगीरी
कजवीनी का बादशाहनामा
अब्दुल हमीद लाहौरी का बादशाहनामा
इनायत खां का शाहजहांनामा
मोहम्मद सालीह कम्बू का अमल ए सालीह
मोहम्मद काजिम का आलमगीरनामा
मोहम्मद साकी मुस्तैद खां का मआसिर ए आलमगीरी
मोहम्मद हासिम खाफी खां का मुन्तखब उल लुबाब
आन्नद राम मुखलिस का तजकिरा
गुलाम हुसैन मोहम्मद खां का सियार उल मुताखरीन
इसके अतिरिक्त खुलासत उत तवारीक , चहार ए चमन, नुक्शा ए दिलकुशां
आदि प्रमुख फारसी साहित्य हैं।
आभार एंव स्रोत - अग्रवाल सर - हिस्ट्री नोट्स फॉर सिविल सर्विसेज