मैंगनेट तथा परमैंगनेट आयन जिस कारण से चतुष्फलकीय हैं, वह है :
(1) π - आबन्ध में मैंगनीज़ के d-कक्षक के साथ ऑक्सीजन के p-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
(2) π-आबन्धन नहीं है।
(3) π-आबन्धन में मेंगनीज़ के p-कक्षक के साथ ऑक्सीजन के p-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
(4) π-आबन्धन में मेंगनीज़ के d-कक्षक के साथ ऑक्सीजन के d-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
Answers
Answered by
1
Answer:
answer no 2 is right.......
Answered by
0
यहां हमें यह निर्धारित करना होगा कि क्यों मैंगनेट और परमैंगनेट आयनों में टेट्राहेड्रोन है:
(1) π-बंध में, ऑक्सीजन का p-कक्षीय, मैंगनीज के d- कक्षीय के साथ ओवरलैप होता है।
(2) कोई no-बाइंडिंग नहीं है।
(3) π-बॉन्डिंग में, ऑक्सीजन का p-ऑर्बिटल मैंगनीज के p-ऑर्बिटल के साथ ओवरलैप होता है।
(4) π-बंध में, ऑक्सीजन की डी-ऑर्बिटल मैंगनीज के डी-ऑर्बिटल के साथ ओवरलैप होती है।
उत्तर होगा (4)π-आबन्धन में मेंगनीज़ के d-कक्षक के साथ ऑक्सीजन के d-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
Attachments:
Similar questions