‘मैं गणित की पुस्तक बोल रही हूँ, इस विषय पर निबंध लिखो।।
Answers
मैं गणित की पुस्तक बोल रही हूँ
मैं हर किसी को पसंद नहीं हूँ और ना ही हर कोई मुझे इतने चाह से पढ़ता है परंतु जिसे मुझमें दिलचस्पी है वह पूरी दुनिया का हिसाब समझ लेता है। मेरे अंदर समाई जानकारी सबके लिए अहम होती है परंतु केवल तब तक जब तक कोई समझना चाहे।
हर कोई मुझे सिर्फ तब तक ही पढ़ना पसंद करता है जब तक मेरे अंदर के सवाल उनके लिए मुश्किल ना हो। कुछ समय बाद जब मेरे सवाल मुश्किल होने लगे तो सबकी रूचि मेरे प्रति समाप्त होती जाती है।
परंतु मुझे भी उन सब से लगाव है जप मुझमें दिलचस्पी रखते हैं और मेरे ज्ञान को पाना चाहते हैं। मेरे अंदर समाए ज्ञान से दुनिया की हर मुसीबत का हल किया जा सकता है और यह केवल मुझे समझने वाले ही समझ सकते हैं।
Explanation:
मैं हर किसी को पसंद नहीं हूँ और ना ही हर कोई मुझे इतने चाह से पढ़ता है परंतु जिसे मुझमें दिलचस्पी है वह पूरी दुनिया का हिसाब समझ लेता है। मेरे अंदर समाई जानकारी सबके लिए अहम होती है परंतु केवल तब तक जब तक कोई समझना चाहे। हर कोई मुझे सिर्फ तब तक ही पढ़ना पसंद करता है जब तक मेरे अंदर के सवाल उनके लिए मुश्किल ना हो।