मृगतृष्णा किसे कहते हैं कविता में इसका प्रयोग किस अर्थ में हुआ है??
Answers
Answered by
12
Explanation:
मृगतृष्णा दो शब्दों से मिलकर बना है मृग व तृष्णा। इसका तात्पर्य है आँखों का भ्रम अर्थात् जब कोई चीज़ वास्तव में न होकर भ्रम की स्थिति बनाए, उसे मृगतृष्णा कहते हैं। इसका प्रयोग कविता में प्रभुता की खोज में भटकने के संदर्भ में हुआ है। इस तृष्णा में फँसकर मनुष्य हिरन की भाँति भ्रम में पड़ा हुआ भटकता रहता है।
#chehra dekhkar kuchh jyada hee samajh liya mujhe
Attachments:
Answered by
8
Answer:
answer is in the attachment
Explanation:
hope Its HELPS
Attachments:
Similar questions