Hindi, asked by iloveferrari2004, 7 months ago

मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली
दरवाज़े-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली
पाहुन जो आए हो गाँव में शहर के।
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर गुहार की
बरस बाद सुधि लीन्हीं
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के
मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के।

क-मेघ का आगमन किस के रूप में बताया गया है?
ख- गाँव में मेघ का स्वागत किसने किया?
ग- पानी की परात भर कर कौन लाया ?
घ- 'बरस बाद सुधि लीन्हीं'- किसने कहा?
ङ- 'मेघ' शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
च- गली-गली में लोगों के दरवाजे खिड़कियाँ क्यों खुलने लगे?
छ- 'सुधि' शब्द से क्या अभिप्राय है?​

Answers

Answered by Anonymous
4

Answer:

  1. मेघ आए' कविता में ग्रामीण संस्कृति का वर्णन है। बादलों के आगमन पर उल्लास का वातावरण बनना, हवा चलना, पेड़ पौधों का झूमना, आँधी चलना, धूल उड़ना, लता का पेड़ की ओट में छिपना बादलों का गहराना, बिजली का चमकना, बरसात होना आदि सभी ग्रामीण संस्कृति से ही संबंधित हैं।
  2. बूढ़े पीपल ने घर के बड़े -बूढ़े के सामान मेघ रूपी पाहून का स्वागत किया . हवा के कारण उसकी डालियाँ झुक जाती है जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानों वह झुककर स्वागत कर रहा है .
  3. मेघ आए कविता में ताल पानी की परात मेघ रूपी मेहमान (दामाद) के पैर धोने के लिए लाया।
  4. बरस बाद सुधि लीन्ही' यह पंक्ति लता रूपी नायिका ने बादल रूपी मेहमान अर्थात अपने प्रियतम से कही क्योंकि वह साल भर से नहीं आया था।
  5. घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, पयोद, पयोधर, अम्बुद, धराधर, वारिवाह, वारिधर,
  6. मेघ के स्वागत की तुलना दामाद के स्वागत से की गई है। हमारे यहाँ हर जगह दामाद की बड़ी मान मर्यादा होती है। खासकर गांवों में तो जैसे पूरा गांव ही दामाद के स्वागत में जुट जाता है। मेघ किसी जमाई की तरह सज संवर कर आया है। उसके स्वागत में आगे-आगे नाचती गाती हुई हवा चल रही है, ठीक उसी तरह जैसे गांव की सालियाँ किसी जमाई के आने के समय करती हैं। लोग दरवाजे और खिड़कियाँ खोलकर उसकी एक झलक देखने को बेताब हैं।
  7. सुधि का अर्थ होता है स्मरण।
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