मुग़लों की घरेलू दुनिया की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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मुग़लकालीन शासन व्यवस्था अत्यधिक केन्द्रीकृत नौकरशाही व्यवस्था थी. सम्राट को प्रशासन की गतिविधियों को भली-भांति संचालित करने के लिए एक मंत्रिपरिषद की आवश्यकता होती थी. बाबर के शासन काल में वज़ीर का पद काफ़ी महत्त्वपूर्ण था, परन्तु कालान्तर में यह पद महत्वहीन हो गया:
(1) मंत्रिपरिष्द को विजारत कहा जाता था.
(2) बाबर के शासनकाल में वजीर पद काफी महत्वपूर्ण था.
(3) सम्राट के बाद शासन के कार्यों को संचालित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी वकील था, जिसके कर्तव्यों को अकबर ने दीवान, मीरबख्श, सद्र-उस स्द्र और मीर समन में विभाजित कर दिया.
(4) औरंगजेब के समय में असद खान ने सबसे ज्यादा 31 साल तक दीवान के पद पर कार्य किया.
(5) मीरबख्श द्वारा सरखत नाम के पत्र पर हस्ताक्षर के बाद ही सेना को हर महीने वेतन मिल पाता था.
(6) जब कभी-भी सद्र न्याय विभाग के प्रमुखों का कार्य करता था तब उसे काजी कहा जाता था. लगानहीन भूमि का निरीक्षण सद्र करता था. सम्राट के घरेलू विभागों का प्रधान मीर समान कह
(7) सूचना और गुप्तचर विभाग का प्रदान दरोगा-एडाक चौकी कहलाता था.
(8) शरियत के प्रतिकूल काम करने वाले को रोकना, आम जनता को दुश्चरित्र से बचाने का काम मुहतसिब नाम का अधिकारी करता था.
(9) प्रशासन की दृष्टि से मुगल साम्राज्य का बंटावारा सूबों में, सूबों का सरकार में, सरकार का परगना और महाल में महाल का जिले या दस्तूर में और दस्तूर जिले में बंटे होते थे.
(10) मुगल काल में सबसे छोटी इकाई ग्राम थी, जिसे मावदा या दीह कहते थे.
(11) मावदा के अंतर्गत छोटी-छोटी बस्तियों को नागला कहा जाता था.
(12) शाहजहां के शासनकाल में सरकार और परगना के मध्य चकला नाम की एक नई इकाई की स्थापना की गई.
Explanation:
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मुग़लकालीन शासन व्यवस्था अत्यधिक केन्द्रीकृत नौकरशाही व्यवस्था थी. सम्राट को प्रशासन की गतिविधियों को भली-भांति संचालित करने के लिए एक मंत्रिपरिषद की आवश्यकता होती थी. बाबर के शासन काल में वज़ीर का पद काफ़ी महत्त्वपूर्ण था, परन्तु कालान्तर में यह पद महत्वहीन हो गया:
(1) मंत्रिपरिष्द को विजारत कहा जाता था.
(2) बाबर के शासनकाल में वजीर पद काफी महत्वपूर्ण था.
(3) सम्राट के बाद शासन के कार्यों को संचालित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी वकील था, जिसके कर्तव्यों को अकबर ने दीवान, मीरबख्श, सद्र-उस स्द्र और मीर समन में विभाजित कर दिया.
(4) औरंगजेब के समय में असद खान ने सबसे ज्यादा 31 साल तक दीवान के पद पर कार्य किया.
(5) मीरबख्श द्वारा सरखत नाम के पत्र पर हस्ताक्षर के बाद ही सेना को हर महीने वेतन मिल पाता था.
(6) जब कभी-भी सद्र न्याय विभाग के प्रमुखों का कार्य करता था तब उसे काजी कहा जाता था. लगानहीन भूमि का निरीक्षण सद्र करता था. सम्राट के घरेलू विभागों का प्रधान मीर समान कह
(7) सूचना और गुप्तचर विभाग का प्रदान दरोगा-एडाक चौकी कहलाता था.
(8) शरियत के प्रतिकूल काम करने वाले को रोकना, आम जनता को दुश्चरित्र से बचाने का काम मुहतसिब नाम का अधिकारी करता था.
(9) प्रशासन की दृष्टि से मुगल साम्राज्य का बंटावारा सूबों में, सूबों का सरकार में, सरकार का परगना और महाल में महाल का जिले या दस्तूर में और दस्तूर जिले में बंटे होते थे.
(10) मुगल काल में सबसे छोटी इकाई ग्राम थी, जिसे मावदा या दीह कहते थे.
(11) मावदा के अंतर्गत छोटी-छोटी बस्तियों को नागला कहा जाता था.
(12) शाहजहां के शासनकाल में सरकार और परगना के मध्य चकला नाम की एक नई इकाई की स्थापना की गई.
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