मां ही गंगा की धारा है। मां ही मेरी फुलवारी है। का अर्थ स्पष्ट करें
Answers
Answered by
2
मां ही गंगा की धारा है। मां ही मेरी फुलवारी है, का अर्थ निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है।
- मां अपने बच्चे को सच्चे मन से प्यार करती है इसलिए उसका प्यार गंगा की तरह निश्चल होता है तथा पावन होता है।
- मां अपनी संतान को दुनिया की हर खुशी देना चाहती है। वह स्वयं कष्ट सहकर अपने बच्चे को हर सुख देना चाहती है।
- मां की दृष्टि में उसकी संतान बगिया का फूल होती है जिसे वह अपने प्यार से सिंचती है ।
- इन सभी कारणों से यह कहा जाता है कि मां ही गंगा की धारा है, मां ही मेरी फुलवारी है।
#SPJ1
Similar questions