Chinese, asked by sonal2strategic, 2 months ago

मोहिनी मूर्ति सावरी सुरति नैना बने विसाल पंक्ति में अलंकार है​

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Answered by farhaanaarif84
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कृष्णभक्ति शाखा की हिंदी की महान कवयित्री मीराबाई का जन्म संवत् 1573 में जोधपुर में चोकड़ी नामक गाँव में हुआ था। इनका विवाह उदयपुर के महाराणा कुमार भोजराज जी के साथ हुआ था। ये बचपन से ही कृष्णभक्ति में रुचि लेने लगी थीं। विवाह के थोड़े ही दिन के बाद आपके पति का स्वर्गवास हो गया था। पति के परलोकवास के बाद इनकी भक्ति दिन- प्रति- दिन बढ़ती गई। ये मंदिरों में जाकर वहाँ मौजूद कृष्णभक्तों के सामने कृष्णजी की मूर्ति के आगे नाचती रहती थीं। मीराबाई का कृष्णभक्ति में नाचना और गाना राज परिवार को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कई बार मीराबाई को विष देकर मारने की कोशिश की। घर वालों के इस प्रकार के व्यवहार से परेशान होकर वह द्वारका और वृंदावन गईं। वह जहाँ जाती थीं, वहाँ लोगों का सम्मान मिलता था। लोग आपको देवियों के जैसा प्यार और सम्मान देते थे।

मीरा द्वारा रचित ग्रंथ

- बरसी का मायरा - गीत गोविंद टीका - राग गोविंद - राग सोरठ के पद इसके अलावा मीराबाई के गीतों का संकलन "मीराबाई की पदावली' नामक ग्रन्थ में किया गया है।

मीराबाई की भक्ति

Answered by shwethakumari029
2

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