मुहावरे के परिभाषा व उसके प्रकार
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मुहावरे की परिभाषा मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है ,जिसका शाब्दिक अर्थ होता है -'अभ्यास' । हिंदी मे ऐसे वाक्यांश को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़ कर विशेष अर्थ को व्यक्त करते है ।
"हिन्दी-उर्दू में लक्षण अथवा व्यंजना द्वारा सिद्ध वाक्य को ही ‘मुहावरा’ कहते हैं।"
(क) सादृश्यमूलक मुहावरे
लाल अंगारा होना (उपमा), पैसा ही पुरुषत्व और पुरुषत्व ही पैसा है (उपमेयोपमा), अंगार बरसाना (रूपक), सोना सोना ही है (अनन्वय), आदि।
(ख) विरोधामूलक मुहावरे
इधर-उधर करना, ऊंच-नीच देखना, दाएं-बाएं न देखना, पानी से प्यास न बुझना।
(ग) सन्निधि अथवा स्मृतिमूलक मुहावरे
चूड़ी तोड़ना, चूड़ा पहनना, दिया गुल होना, दुकान बढ़ाना, मांग-कोख से भरी-पूरी रहना, आदि।
(घ) शब्दालंकारमूलक मुहावरे अंजर-पंजर ढीले होना, आंय-वायं-शांय बकना, कच्चा-पक्का, देर-सवेर, बोरिया-बिस्तर बांधना, आदि।