Hindi, asked by ds9629234, 4 days ago

मुहावरे के उदाहरण लिखिए 20​

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Answered by loknadamjinaga1044
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भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए लोकोक्तियों एवं मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच में इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है। कभी-कभी तो मात्र मुहावरे अथवा लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है। इनके प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है।

लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों की वृद्धि होती है

(1) वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है।

(2) वक्ता अपने हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रभावपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक अभिव्यक्त कर देता है।

(3) भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।

(4) भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है।

Hindi Muhavare with Meanings and Sentences – मुहावरे और लोकोक्ति का अर्थ या वाक्य

(1) मुहावरा—मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है—’अभ्यास’। हिन्दी में यह शब्द रूढ़ हो गया है, जिसका अर्थ है—“लक्षणा या व्यंजना द्वारा सिद्ध वाक्य, जो किसी एक ही बोली या लिखी जानेवाली भाषा में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो।”

संक्षेप में ऐसा वाक्यांश, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे, मुहावरा कहलाता है। इसे ‘वाग्धारा’ भी कहते हैं।

(2) लोकोक्ति-यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है—’लोक’ + ‘उक्ति’, अर्थात् किसी क्षेत्र-विशेष में कही हुई बात। इसके अन्तर्गत किसी कवि की प्रसिद्ध उक्ति भी आ जाती है। लोकोक्ति किसी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है। समाज के प्रबुद्ध साहित्यकारों, कवियों आदि द्वारा जब किसी प्रकार के लोक-अनुभवों को एक ही वाक्य में व्यक्त कर दिया जाता है तो उनको प्रयुक्त करना सुगम हो जाता है। ये वाक्य अथवा लोकोक्तियाँ (कहावतें, सूक्ति) गद्य एवं पद्य दोनों में ही देखने को मिलते हैं। इस प्रकार ऐसा वाक्य, कथन अथवा उक्ति, जो अपने विशिष्ट अर्थ के आधार पर संक्षेप में ही किसी सच्चाई को प्रकट कर सके, ‘लोकोक्ति’ अथवा ‘कहावत’ कही जाती है।

मुहावरे और लोकोक्ति में अन्तर-मुहावरा देखने में छोटा होता है, अर्थात् यह पूरे वाक्य का एक अंग-मात्र होता है, साथ ही इसमें लाक्षणिक अर्थ की प्रधानता होती है; जैसे—लाठी खाना। इस वाक्यांश में ‘खाना’ का लक्ष्यार्थ ‘प्रहार सहना’ है; क्योंकि लाठी खाने की चीज नहीं है, परन्तु लोकोक्ति में जिस अर्थ को प्रकट किया जाता है, वह लगभग पूर्ण होता है। उसमें अधूरापन नहीं होता; जैसे-उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे। . इस उदाहरण में अर्थ का अधूरापन नहीं है, न वाक्य ही अधूरा है।

मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग साधारणत: देखा जाता है कि मुहावरों और लोकोक्तियों का ‘अर्थ और वाक्य में प्रयोग’ पूछे जाने पर छात्र उनका अर्थ तो बता देते हैं, परन्तु वाक्य में प्रयोग उचित प्रकार से नहीं कर पाते। मुहावरों एवं लोकोक्तियों के प्रयोग में हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे वाक्य-प्रयोग से उनका अर्थ बिल्कुल स्पष्ट हो जाए। सामान्य रूप से छात्र किसी भी मुहावरे आदि से पूर्व मैं, तुम या किसी व्यक्ति का नाम रखकर वाक्य को पूरा कर देते हैं। इस प्रकार का प्रयोग उचित व अर्थ को स्पष्ट करनेवाला नहीं होता;

जैसे-

(1) अपनी खिचड़ी अलग पकाना-सबसे पृथक् काम करना।

वाक्य-प्रयोग-वह अपनी खिचड़ी अलग पकाता है।

(2) आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।

वाक्य-प्रयोग-तुमने उसकी आँखों में धूल झोंक दी।

उपर्युक्त उदाहरणों से मुहावरों का अर्थ स्पष्ट नहीं हो रहा है। इनके स्थान पर शुद्ध, अर्थपूर्ण और पूर्ण वाक्यों का प्रयोग किया जाना चाहिए।

शुद्ध एवं आदर्श वाक्य-प्रयोग-

1. अपनी खिचड़ी अलग पकाना-सबसे पृथक् काम करना।

वाक्य-प्रयोग-हमारी कक्षा के कुछ छात्र पिकनिक मनाने के लिए गए। पिकनिक-स्थल पर जाकर आगे का कार्यक्रम निश्चित हुआ। सर्वप्रथम सभी साथी भोजन की व्यवस्था में लग गए, परन्तु मोहन अकेले ही जंगल में घूमने की जिद करने लगा। सभी ने उससे यही कहा कि तुम अपनी खिचड़ी अलग पकाते हो, यह अच्छी बात नहीं है। सभी लोग साथ चलेंगे।

2. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना। . वाक्य-प्रयोग हमारे भाई यद्यपि रेलयात्रा में पर्याप्त सतर्क रहते हैं, तथापि लखनऊ के स्टेशन पर किसी ने उनसे 50 रुपये ठगकर उनकी आँखों में धूल झोंक दी।

कुछ महत्त्वपूर्ण मुहावरे एवं उनके वाक्यों में प्रयोग

1. अँगारे बरसना—अत्यधिक गर्मी पड़ना।

जून मास की दोपहरी में अंगारे बरसते प्रतीत होते हैं।

2. अंगारों पर पैर रखना-कठिन कार्य करना।

युद्ध के मैदान में हमारे सैनिकों ने अंगारों पर पैर रखकर विजय प्राप्त की।

3. अँगारे सिर पर धरना—विपत्ति मोल लेना।

सोच-समझकर काम करना चाहिए। उससे झगड़ा लेकर व्यर्थ ही अंगारे सिर पर मत धरो।

4. अँगूठा चूसना-बड़े होकर भी बच्चों की तरह नासमझी की बात करना।

कभी तो समझदारी की बात किया करो। कब तक अंगूठा चूसते रहोगे?

5. अँगूठा दिखाना-इनकार करना।

जब कृष्णगोपाल मन्त्री बने थे तो उन्होंने किशोरी को आश्वासन दिया था कि जब उसका बेटा इण्टर कर लेगा तो वह उसकी नौकरी लगवा देंगे। बेटे के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर किशोरी ने उन्हें याद दिलाई तो उन्होंने उसे अँगूठा दिखा दिया।

6. अँगूठी का नगीना-अत्यधिक सम्मानित व्यक्ति अथवा वस्तु।

अकबर के नवरत्नों में बीरबल तो जैसे अंगूठी का नगीना थे।

Answered by deekshabangar
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1) अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धि भष्ट होना

वाक्य - विद्वान और वीर होकर भी रावण की अक्ल पर पत्थर ही पड़ गया था कि उसने माता सीता का अपहरण किया।

2) अंक भरना - स्नेह से लिपटा लेना

वाक्य - माँ ने बेटी को देखते ही अंक भर लिया।

3) अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - स्वयं अपनी प्रशंसा करना

वाक्य - अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।

4) अक्ल का चरने जाना - समझ का अभाव होना

वाक्य - कभी-कभी राम को बात समझ नहीं आती, ऐसा लगता है उसकी अक्ल चरने गई हो।

5) अपने पैरों पर खड़ा होना - स्वालंबी होना

वाक्य - युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।

6) अक्ल का दुश्मन - मूर्ख

वाक्य - राहुल अपने पिता की बात का सही से जवाब नहीं देता है, लगता है आजकल राहुल अक्ल के दुश्मन हो गया है।

7) अपना उल्लू सीधा करना - मतलब निकालना

वाक्य - आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है।

8) अंगारों पर लेटना - डाह होना, दुःख सहना

वाक्य - वह उसकी तरक्की देखते ही अंगारों पर लोटने लगा।

9) अँचरा पसारना - माँगना, याचना करना

वाक्य - हे भगवान्, अपने बीमार बेटे के लिए आपके आगे अँचरा पसारती हूँ। उसे भला-चंगा कर दो।

10) अन्धा बनना - आगे-पीछे कुछ न देखना

वाक्य - धर्म से प्रेम करो, पर उसके पीछे अन्धा बनने से तो दुनिया नहीं चलती।

11) अन्धा होना – विवेक भ्रष्ट होना

वाक्य - आज कल पैसा ही सब कुछ है क्योंकि पैसा के मोह में सब अंधे हो जाते हैं।

12) अन्धेरखाता - अन्याय

वाक्य - मुँहमाँगा दो, फिर भी चीज खराब। यह कैसा अन्धेरखाता है।

13) अढाई दिन की हुकूमत - कुछ दिनों की शानो-शौकत

वाक्य - जनाब, जरा होशियारी से काम लें। यह अढाई दिन की हुकूमत जाती रहेगी।

14) अपना-सा मुँह लेकर रह जाना - शर्मिन्दा होना

वाक्य - बड़े भाई ने छोटे भाई को ऐसी चुभती बात कही कि वह अपना-सा मुँह लिए रह गया।

15) अपनी खिचड़ी अलग पकाना - स्वार्थी होना, अलग रहना

वाक्य - यदि सभी अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगें, तो देश और समाज की उन्नति होने से रही।

16) अब-तब करना - बहाना करना

वाक्य - कोई भी चीज माँगो, वह अब-तब करना शुरू कर देगा।

17) अंग-अंग ढीला होना - अत्यधिक थक जाना

वाक्य - विवाह के अवसर पर दिन भर मेहमानों के स्वागत में लगे रहने से मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा हैं।

18) अंगारे उगलना - कठोर और कड़वी बातें कहना

वाक्य - मित्र! अवश्य कोई बात होगी, बिना बात कोई क्यों अंगारे उगलेगा।

19) अंगारों पर लोटना - ईर्ष्या से व्याकुल होना

वाक्य - मेरे सुख को देखकर रामू अंगारों पर लोटता हैं।

20) अँगुली उठाना - किसी के चरित्र या ईमानदारी पर संदेह व्यक्त करना

वाक्य - हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कोई हम पर अँगुली उठाए।

Explanation:

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