मिहला आरण िवधयक पर हर कोई अपन िवचार कर रहा ह। कोई इसस सहमत ह तो कोई असहमत। लोकत म सबका अपना िवचार हो सकता ह, लिकन इसका अथ यह कदािप नही िक हम मिहलाओ का िवरोध कर। जाितगत आरण जस सधार तो आवकता होन पर बाद म भी िकए जा सकत ह। हर बार िवरोध करना घोर वचा रक िपछड़ापन ह। जो दल िविभ आधार सझा रह ह, व अपनी पाट म उसको लाग करन क िलए त ह। बार-बार िवरोध करन स नीयत पर शक होना जरी ह। हो-ह ा करक कई वष स इस िबल को रोकन का यास िकया जा रहा ह। मिहलाओ न भी आज़ादी क िलए पषो क साथ िमलकर सघष िकया था। ा आज़ाद भारत म आज अपन अिधकारो क िलए उ याचना करनी पड़गी? बहतर होगा िक सभी दल इस िदशा म सहयोग कर और सवमा समाधान िनकाल। (ख) िवरोध करन को ा कहा गया?
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इसमें करना क्या है पहले यह तो बता बहन
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