Hindi, asked by prarthnashahshah, 3 months ago

मोहन उनका चहेता शिष्य था। पुरोहित खानदान का कुशाग्र बुद्धि का बालक
पड़ने में ही नहीं, गायन में भी बेजोड़। त्रिलोक सिंह मास्टर ने उसे पूरे स्कूल के
मॉनीटर बना रखा था। वही सुबह-सुबह, 'हे प्रभो आनंददाता! ज्ञान हमको दीजिए।
का पहला स्वर उठाकर प्रार्थना शुरू करता था।
उपकृत का नाचा दिखाना हा जाता जाता​

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Answered by krizzannevgmailcom
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