मेहनत की कमाई- विषय पर 100 से 120 शब्दों में लघु कथा लिखिए।
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Explanation:
एक बडे शहर में एक प्रसद्धि व्यापारी (Businessman) रहा करता था. व्यापारी (Businessman) को व्यपार विरासत में मिला था. उसने अपनी लगन,मेहनत और काबिलियत के बल अपने व्यापार को बहुत अधिक फैला लिया था. उसकी मेहनत की कमाई (mehnat ki kamai) के रूप में उसके घर में सब कुछ था. सुदरं सुशील घरवाली, लक्जरी गाड़ी, बड़ा बंगला, नौकर-चाकर आदि.
व्यापारी (Businessman) की तरक्की देख कर उसके साथा व्यापार करने वाले लोग उससे जलते थें.वो सोचते थें कि इसने कैसे अपना व्यापार इतना बड़ा कर लिया. व्यापारी (Businessman) जब कभी भी अपने व्यापर को देखता था तो उसे अपने ऊपर गर्व होता था आखिर हो भी क्यो ना आखिरकार वह उसकी मेहनत की कमाई (mehnat ki kamai) थी.
इतना सब कुछ होते हुये उसकी व उसकी घरवाली के मन में एक दुख था. जिस कारण इतना सब कछ होते हुये भी वह अपने आप को अकेला महसूस करते थे. उनके दुख के कारण था….
Explanation:
mehnat ki kamai, मेहनत की कमाई: एक बडे शहर में एक प्रसद्धि व्यापारी (Businessman) रहा करता था. व्यापारी (Businessman) को व्यपार विरासत में मिला था. उसने अपनी लगन,मेहनत और काबिलियत के बल अपने व्यापार को बहुत अधिक फैला लिया था. उसकी मेहनत की कमाई (mehnat ki kamai) के रूप में उसके घर में सब कुछ था. सुदरं सुशील घरवाली, लक्जरी गाड़ी, बड़ा बंगला, नौकर-चाकर आदि.
mahnat-ki-kamai
mahnat-ki-kamai
व्यापारी (Businessman) की तरक्की देख कर उसके साथा व्यापार करने वाले लोग उससे जलते थें.वो सोचते थें कि इसने कैसे अपना व्यापार इतना बड़ा कर लिया. व्यापारी (Businessman) जब कभी भी अपने व्यापर को देखता था तो उसे अपने ऊपर गर्व होता था आखिर हो भी क्यो ना आखिरकार वह उसकी मेहनत की कमाई (mehnat ki kamai) थी.
इतना सब कुछ होते हुये उसकी व उसकी घरवाली के मन में एक दुख था. जिस कारण इतना सब कछ होते हुये भी वह अपने आप को अकेला महसूस करते थे. उनके दुख के कारण था….