मेहनत रंग लाई और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर
दिया। यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझाने
नहीं दिया और पूरी दुनिया को बल्ब देकर रोशन कर दिया।
इस छोटे से किस्से से हमें यही सीख मिलती है कि किसी भी लक्ष्य की ओर बढ़ाया
गया पहला कदम ही इंसान को सफलता तक ले जाता है। असफलता से न डरने
वाले को ही सफलता मिलती है।
1.थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
2. थॉमस अल्वा एडिसन को स्कूल से क्यों निकाल दिया गया था।
3. व्यक्ति के प्रश्न का एडिसनने क्या उत्तर दिया ।
4. इस किस्से से हमें क्या शिक्षा मिलती है।
5. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें - इंसाल, कोशिश
Answers
Answer:
थॉमस एल्वा एडिसन (११ फ़रवरी १८४७ - १८ अक्टूबर १९३१) हान अमरीकी आविष्कारक एवं वीध्वांत व्यक्ति थे।फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों युक्तियाँ विकसित कीं जिनसे संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आये। "मेन्लो पार्क के जादूगर" के नाम से प्रख्यात, भारी मात्रा में उत्पादन के सिद्धान्त एवं विशाल टीम को लगाकर अन्वेषण-कार्य को आजमाने वाले वे पहले अनुसंधानकर्ता थे। इसलिये एडिसन को ही प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। अमेरिका में अकेले १०९३ पेटेन्ट कराने वाले एडिसन विश्व के सबसे महान आविष्कारकों में गिने जाते हैं। एडीसन बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे
Explanation:
थॉमस अल्वा एडिसन को हर कोई जानता है। इन्होंने न सिर्फ इलेक्ट्रिक बल्ब का बल्कि फोनोग्राफ सहित कई महत्वपूर्ण चीजों का आविष्कार किया था। ... नहीं जानते तो बता दें कि गरीबी की वजह से एडिसन के पास यूनिफॉर्म खरीदने के पैसे नहीं थे। इस कारण से उन्हें स्कूल से निकाल दिया।
1869 ई. में एडिसन ने अपने सर्वप्रथम आविष्कार "विद्युत मतदानगणक" को पेटेंट कराया। नौकरी छोड़कर प्रयोगशाला में आविष्कार करने का निश्चय कर निर्धन एडिसन ने अदम्य आत्मविश्वास का परिचय दिया।
बच्चों को कहानियां सुनना बहुत पसंद होता है, खासकर वो कहानियां जो मजेदार होती हैं और कुछ सीख देती हैं! हम में से ज्यादातर लोग राजा अकबर और उनके खास नवरत्न, बीरबल की कई प्रसिद्ध कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं, जो अपनी बुद्धिमत्ता, चतुराई और हाजिर–जवाबी के लिए जाने जाते है। उनकी कहानियां न केवल सुनने में मजेदार है बल्कि हमें उनसे शिक्षा भी मिलती है। यदि आप अपने बच्चे को खेल–खेल में कहानी के माध्यम से उन्हें अच्छी बातें और अच्छे संस्कारों को सिखाना चाहती हैं, तो आप उन्हें अकबर–बीरबल की कुछ कहानियां सुना सकती हैं।
कोशिश – प्रयास, श्रम।