"मोहरी बीबी बनाम धर्मोदास घोष" केस को सम्बन्ध है –
(अ) एक अवयस्क के साथ किया गया ठहराव प्रारम्भ से ही पूर्णतः व्यर्थ होता है।
(ब) स्वीकृति पूर्ण तथा शर्तरहित होनी चाहिये।
(स) प्रतिफल वचनग्रहीता एवं अन्य किसी व्यक्ति की ओर से हो सकता है।
(द) सम्पत्ति को अवैधानिक रूप से रोके जाने की धमकी।
उत्तरमाला:
(अ)
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(अ) एक अवयस्क के साथ किया गया ठहराव प्रारम्भ से ही पूर्णतः व्यर्थ होता है।
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एक अवयस्क के साथ किया गया ठहराव प्रारम्भ से ही पूर्णतः व्यर्थ होता है।
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