Economy, asked by nehaoraon884, 8 months ago

मिजाज के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्य को देखते हैं व्याख्या करें​

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Answered by janakash992
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Explanation:

सतत् विकास लक्ष्‍य

हम दुनिया का कायाकल्‍प करने की दहलीज पर खड़े हैं। अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय ने संयुक्‍त राष्‍ट्र के माध्‍यम से 17 सतत् विकास लक्ष्‍यों की ऐतिहासिक योजना शुरू की है जिसका उद्देश्‍य वर्ष 2030 तक अधिक संपन्‍न, अधिक समतावादी और अधिक संरक्षित विश्‍व की रचना करना है।

17 सतत् विकास लक्ष्‍य और 169 उद्देश् सतत् विकास के लिए 2030 एजेंडा के अंग हैं जिसे सितम्‍बर, 2015 में संयुक्‍त राष्‍ट्रमहासभा की शिखर बैठक में 193 सदस्‍य देशों ने अनुमोदित किया था। यह एजेंडा पहली जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ है। इन लक्ष्‍यों को निर्धारित करने के लिए हुई अभूतपूर्व परामर्श प्रक्रिया में राष्‍ट्रीय सरकारों और दुनिया भर के लाखों नागरिकों ने मिलकर बातचीत की और अगले 15 वर्ष के लिए सतत् विकास हासिल करने का वैश्विक मार्ग अपनाया।

हमारी दुनिया का कायाकल्‍पपसतत् विकास लक्ष्‍य और उद्देश्‍य निम्‍नलिखित सबसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में कार्रवाई प्रेरित करेंगे:

गरीबी, भुखमरी, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और खुशहाली, शिक्षा, लैंगिक समानता, जल एवं स्‍वच्‍छता, ऊर्जा, आर्थिक वृद्धि और उत्‍कृष्‍ट कार्य, बुनियादी सुविधाएं, उद्योग एवं नवाचार, असमानताओं में कमी, संवहनीय शहर, उपभोग एवं उत्‍पादन, जलवायु कार्रवाई, पारिस्थितिक प्रणालियां, शांति एवं न्‍याय और भागीदारी। इस समग्र एजेंडा में माना गया है कि अब केवल आर्थिक वृद्धि पर फोकस करना पर्याप्‍त नहीं है, बल्कि निष्‍पक्ष और अधिक समतामूलक समाजों तथा अधिक संरक्षित एवं अधिक संपन्‍न पृथ्‍वी पर फोकस करना होगा। इसमें माना गया है कि शांति, न्‍याय, पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास के कार्य एक-दूसरे से अलग नहीं है बल्कि उसी परिवर्तन के अंग हैं। इसमें सबसे अधिक मान्‍यता इस बात की है कि वैश्विक और परस्‍पर जुड़ी चुनौतियों से लड़ने के लिए केवल वैश्विक और परस्‍पर जुड़े समाधानों की ही आवश्‍यकता है। यह एक महत्‍वाकांक्षी योजना है जिसके लिए सरकारों, कारोबार जगत, प्रबुद्ध समाज और व्‍यक्तियों के बीच नए सिरे से वैश्विक साझेदारी की आवश्‍यकता है। हम जैसे-जैसे 169 उद्देश्‍यों की पूर्ति की ओर बढ़ेंगे वैसे-वैसे राष्‍ट्रीय और वैश्विक विकास को अधिक सतत् और अधिक सुदृढ़ मार्ग पर मोड़ते जाएंगे।

कोई पीछे न छूटे

2030 के लिए वैश्विक एजेंडा का मूल मंत्र सार्वभौमिकता का सिद्धांत है : ‘कोई पीछे न छूटे’। इन उद्देश्‍यों पर अमल के लिए जरूरी है कि ये सभी सरकारों और काम करने वालों के लिए प्रासंगिक होने चाहिए। विकास को अपने सभी आयामों में सभी के लिए, हर जगह समावेशी होना चाहिए और उसका निर्माण हर किसी की, विशेषकर सबसे लाचार और हाशिए पर जीते लोगों की भागीदारी से होना चाहिए।भारत सरकार, सतत् विकास लक्ष्य सहित 2030 के एजेंडा के प्रति दृढ़ता से समर्पित है इसका प्रमाण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में प्रधानमंत्री और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के वक्तव्यों से मिलता है। भारत के राष्ट्रीय विकास लक्ष्य और समावेशी विकास के लिए “सबका साथ सबका विकास” नीतिगत पहल, सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप है और भारत दुनियाभर में सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में सफलता निर्धारित करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, ” इन लक्ष्यों से हमारे जीवन को निर्धारित करने वाले सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं के बारे में हमारी विकसित होती समझ की झलक मिलती है।”

भारत में सतत् विकास लक्ष्यों के बारे में राष्ट्रीय कार्रवाई

सतत् विकास लक्ष्यों के बारे में तालमेल का काम भारत सरकार के नीति आयोग को सौंपा गया है। नीति आयोग ने सतत् विकास लक्ष्यों औऱ उनके उद्देश्यों से जुड़ी योजनाओं की पहचान शुरु की है और हर उद्देश्य लिए अग्रणी एवं सहायक मंत्रालयों की भी पहचान कर ली है। उन्होंने समूचे सरकारी तंत्र में सतत् विकास से जुड़ा दृष्टिकोण अपनाया है औऱ इस बात पर ज़ोर दिया है कि सतत् विकास लक्ष्य, सामाजिक, आर्थिक औऱ पर्यावरणीय पहलुओं में परस्पर जुड़े हुए हैं। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे भी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के साथ –साथ अपनी योजनाओं की भी इसी तरह पहचान करें।

इसके अलावा, साँख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय सतत् विकास लक्ष्यों के राष्ट्रीय संकेतक विकसित करने के लिए चर्चाओं की अगुवाई कर रहा है। सतत् विकास एजेंडा के मामले में भारत की प्रगति की कुंजी राज्य सरकारों के पास है औऱ उनमें से अनेक ने इन लक्ष्यों पर अमल के लिए कार्रवाई शुरु कर दी है।

सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में राज्य सरकारों की निर्णायक भूमिका है

सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की कुंजी राज्य सरकारों के हाथ में है क्योंकि वही जनहित को प्राथमिकता देने और यह सुनिश्चित करने में सबसे अधिक समर्थ हैं कि कोई पीछे न छूटे। सरकार के अनेक प्रमुख कार्यक्रम, जैसे, स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया औऱ डिजिटल इंडिया, सतत् विकास लक्ष्यों के मूल में हैं। राज्य औऱ स्थानीय सरकारें इनमें से अनेक कार्यक्रमों में मुख्य भूमिका निभाती हैं।

स्थानीय सरकारों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है; 17 में से 15 सतत् विकास लक्ष्यों का सीधा संबंध देश में स्थानीय सरकारों की गतिविधियों से है। राज्य सरकारें सतत् विकास लक्ष्यों पर अमल और उनकी निगरानी के लिए संकल्पना, नियोजन, बजट निर्धारण और विकास में गहरी रुचि ले रही हैं।

Answered by ishanikapoor217
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Answer:

Keyboard एक इनपुट डिवाइस है. Keyboard का हिंदी में मतलब कुंजीपटल होता है. इसकी सहायता से हम कम्प्यूटर को निर्देश देते है. Keyboard का मुख्य उपयोग Text लिखने के लिए किया जाता है.

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