Hindi, asked by najiyanisha803, 1 month ago

में जमीन को खोदकर, उसे जोत-बोकर सोना उगलने पर मजबूर करता था, वह सोना खुद मेरे लिए न था। मेरे लिए सोना आग था जिसे छूकर मुझे शूल की नोक पर चलना होता। मुझे उस फसल को काटकर, दा-उसाकर, राशि कर देना था पर उसका एक दाना भी छूना मेरे लिए मौत का परवाना था, तिल-तिल करने का, उन पीड़ाओं का जिनके लिए मनुष्य की मेधा ने एक से एक जतन प्रस्तुत किये थे। हाँ, मुझे उस कटे खेत की जमीन पर अब चिड़ियों की भाँति फिरने का अधिकार था जहाँ कभी कोड़ों की चोट सीने पर झेलते हुए मैंने अन्न की राशि खड़ी की थी कि मैं अपना आहार, मिट्टी में पड़े कणों को चुन लूँ। तब कणाद का तप मैंने पूरा किया। का अर्थ लिखे

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Answered by Abhinav1783
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Answer:

मेरे लिए सोना आग था जिसे छूकर मुझे शूल की नोक पर चलना होता। मुझे उस फसल को काटकर, दा-उसाकर, राशि कर देना था पर उसका एक दाना भी छूना मेरे लिए मौत का परवाना था, तिल-तिल करने का, उन पीड़ाओं का जिनके लिए मनुष्य की मेधा ने एक से एक जतन प्रस्तुत किये थे।

Explanation:

hope it was help full

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