मेजर ध्यानचंद को हाकी का जादुर कयो कहा जाता है
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1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक में उनके नाम 14 गोल दर्ज हैं. इसी टूर्नामेंट में जीत के बाद उन्हें 'हॉकी का जादूगर' नाम से जाना जाने लगा. ध्यानचंद ने 1928,1932 और 1936 में देश को हॉकी में गोल्ड दिलाया. ... यह मूर्ति उनके खेल का जादू दिखाने का परिचायक देने के लिए लगाई गई है कि उनकी हॉकी में कितना जादू था.
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