Hindi, asked by rajeshknn2007, 4 days ago

मुझे बचपन में अनेक बार रामलीला स्व रामकया की नाट्य प्रस्तुती हेयने का अवसर मिला होता है। उस समय ने, हमारे पुरात संस्कृति स्तं सत्यता का अनुभव होता है। साथ ही साथ बुराई पर अरहाई की जीत​

Answers

Answered by deepak9140
2

Explanation:

रामलीला उत्तरी भारत में परम्परागत रूप से खेला जाने वाला राम के चरित पर आधारित नाटक है। यह प्रायः विजयादशमी के अवसर पर खेला जाता है।समुद्र से लेकर हिमाचल तक प्रख्यात रामलीला का आदि प्रवर्तक कौन है, यह विवादास्पद प्रश्न है। भावुक भक्तों की दृष्टि में यह अनादि है। एक किंवदंति का संकेत है कि त्रेता युग में श्री रामचंद्र के वनगमनोपरांत अयोध्यावासियों ने चौदह वर्ष की वियोगावधि राम की बाल लीलाओं का अभिनय कर बिताई थी। तभी से इसकी परंपरा का प्रचलन हुआ। एक अन्य जनश्रुति से यह प्रमाणित होता है कि इसके आदि प्रवर्तक मेघा भगत थे जो काशी के कतुआपुर महल्ले में स्थित फुटहे हनुमान के निकट के निवासी माने जाते हैं। एक बार पुरुषोत्तम रामचंद्र जी ने इन्हें स्वप्न में दर्शन देकर लीला करने का आदेश दिया ताकि भक्त जनों को भगवान के चाक्षुष दर्शन हो सकें। इससे सत्प्रेरणा पाकर इन्होंने रामलीला संपन्न कराई। तत्परिणामस्वरूप ठीक भरत मिलाप के मंगल अवसर पर आराध्य देव ने अपनी झलक देकर इनकी कामना पूर्ण की। कुछ लोगों के मतानुसार रामलीला की अभिनय परंपरा के प्रतिष्ठापक गोस्वामी तुलसीदास हैं, इन्होंने हिंदी में जन मनोरंजनकारी नाटकों का अभाव पाकर इसका श्रीगणेश किया। इनकी प्रेरणा से अयोध्या और काशी के तुलसी घाट पर प्रथम बार रामलीला हुई थी।

Answered by choudharysangita306
0

Answer:

मुझे बचपन में अनेक बार रामलीला स्व रामकया की नाट्य प्रस्तुती हेयने का अवसर मिला होता है। उस समय ने, हमारे पुरात संस्कृति स्तं सत्यता का अनुभव होता है। साथ ही साथ बुराई पर अरहाई की जीत

Similar questions